Wednesday 24 February 2016

बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से हस्तक्षेप करने की मांग

पटना। सूबे में साउथ बिहार और नौर्थ बिहार पावर वितरण कंपनी लिमिटेड संचालित वर्ष 2013 से है। उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी लिमिटेड,पटना के पत्रांक 320,दिनांक 05.07.2013 के आलोक में निहित प्रावधानों में दिये गये निर्देश के अनुपालन में संवेदन द्वारा उपलब्ध कराये गये मानव बलों को विघुत आपूर्ति प्रमंडलों में सख्त शर्तों पर (ओ0एंड एम0) कार्य दिया जाता है। 

साउथ बिहार पावर वितरण वर्कर्स यूनियनः साउथ बिहार पावर वितरण वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय ने कहा कि बिहार आपूर्ति प्रशाखा बाढ़ (शहर) में मानव बल के रूप में विघुत कार्यपालक अभियंता कार्यालय के आदेश सं0 57 दिनांक 16.08.2013 से बहाल हैं। कंपनी द्वारा शर्तनामा दिया गया है कि  मानव बलों को प्रतिमाह कंपनी द्वारा निर्धारित राशि संवेदक द्वारा भुगतान किया जाएगा इसके अतिरिक्त कोई भी भत्ता एवं अन्य सुविधा देय नहीं होगा। इनका कार्यकलाप संतोषजनक रहने पर ही उपयुक्त शर्तों के आधार पर कंपनी द्वारा रखने हेतु विचार किया जाएगा। इनका कार्यकलाप संतोषजनक नहीं पाये जाने पर इन्हें कार्य से तुरंत बिना सूचना के हटा दिया जाएगा एवं इस कार्य के लिए पुनः रखने का ये दावा करने योग्य नहीं माने जायेंगे। इन्हें किसी तरह का अवकाश देय नहीं होगा। अनुपस्थित अवधि के लिए मासिक मानदेय से कटौती की जायेगी। कंपनी के पत्रांक 320,दिनांक 05.07.2013 द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक एवं सविधा के अतिरिक्त इन्हें कंपनी द्वारा कोई अन्य भत्ता/सुविधा देय नहीं होगा। उपर्युक्त व्यवस्था के आधार पर कंपनी में किसी भी अन्य पद पर नियुक्ति के लिए कोई दावा मान्य नहीं होगा। आवश्यकता अनुसार किसी अन्य कार्यालय में स्थानांतरित किया जा सकता है। उपरोक्त कर्मियों से सीधा वित्तीय लेन-देन से संबंधित कार्य नहीं लिया जाय।फौजदारी या गंभीर आरोप लंबित न हो इस संबंध का कार्यालय दंडाधिकारी के समक्ष लिया गया शपथ पत्र के मूल प्रति योगदान के समय समर्पित कर सकते हैं। निर्धारित अवधि के बाद योगदान करने वाले अभ्यिर्थियों को पुनः अवसर प्रदान नहीं किया जायेगा। 

साउथ बिहार पावर वितरण वर्कर्स यूनियन के
अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय 
न्यूनतम मजदूरी भी भुगतान नहीं: सूबे में साउथ बिहार और नौर्थ बिहार पावर वितरण कंपनी लिमिटेड वर्ष 2013 से कार्यशील है। कंपनी ने 90 संवेदन(एजेंसी) बहाल किया है। संवेदन द्वारा कंपनी को मानव बल उपलब्ध कराया जाता है। एक प्रमंडल में 108 और प्रशाखा में जरूरत के अनुसार 8 से 15 मानव बल हैं। अभी कुल 7500 मानव बल है। कंपनी द्वारा एजेंसी को प्रति मानव बल 5000 रूपये मानदेय दिया जाता है। एजेंसी 10 प्रतिशत कटौती कर मानव बल को 4500 रूपये ही मानदेय देते हैं। कहीं पर एजेंसी और जेई मिलकर 1000 रूपये गड़ककर मानव बल को 4000 रूपये मानदेय देते हैं। कहीं पर चालाक और होशियार एजेंसी और जेई मिलकर सिर्फ 3500 रूपये ही मानव बल को मानदेय थमा देते हैं। अब अकुशल मजदूर को प्रतिदिन 170 रूपए की जगह 178 रूपए मिलता है। अर्धकुशल मजदूर को 177 रूपए में 10 रूपए वृद्धि के साथ 185 रूपए मिलता है। इसी तरह कुशल मजदूर को 218 रूपए में 10 रूपए वृद्धि के साथ 228 रूपए मिलता है। अतिकुशल मजदूर को भी 266 रूपए में 10 रूपए वृद्धि के साथ 278 रूपए मिलता है। महंगाई दर में बढ़ोतरी के अनुरूप न्यूनतम मजदूरी दर में बढ़ोतरी की गई है। पर्यवेक्षीय या लिपिकीय को 4924 के बदले अब 5135 रूपए प्रतिमाह मिलता है। एक अकुशल मजदूर को 178 रूपए मिलता है। जो 30 दिनों में 5340 रूपए होता है। मानव बल को कंपनी द्वारा एजेंसी को दिया जाता है सिर्फ 5000 रूपए। 167.50 की दर से 4995 रू0 होता है। इसे राउंड फिगर करके 5000 रू0 कर दिया गया है। वह भी 3 साल से बढ़ोतरी नहीं की गयी है।

कंपनी ने केवल पदनाम में बदलाव कियाः कुछ दिनों के बाद उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन प्रशासन) साउथ बिहार पावर वितरण कंपनी लिमिटेड,पटना के पत्रांक 53 दिनांक 24.07.2013 द्वारा बहाल कर्मियों का पदनाम कनीय सारणी पुरूष करार दिया है। गौरतलब है कि सरकार ने न्यूनतम मजदूरी वितरण करते समय मजदूरों को अकुशल मजदूर,अर्धकुशल मजदूर,कुशल मजदूर और अतिकुशल मजदूर में श्रेणीबद्ध करके मजदूरी भुगतान किया जाता है। उसी के अनुसार मजदूरी दिया जाता है। यहां पर नहीं किया जाता है। किया है। 

बिहार मानवाधिकार आयोगः साउथ बिहार पावर वितरण वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय ने सवाल किया है कि मानव बल (कनीय सारणी पुरूष) इंसान है कि नहीं? हमलोगों को किसी तरह का अवकाश देय नहीं होता है। अनुपस्थित अवधि के लिए मासिक मानदेय से कटौती की जाती है। हमलोग लगातार कार्य करते रहते हैं। जबकि साउथ बिहार और नौर्थ बिहार पावर वितरण कंपनी लिमिटेड के साहब लोग सामान्य अवकाश,ऐच्छिक/प्रतिबंधित अवकाश,एन0आई0ऐक्ट,1881 के तहत घोषित अवकाश,रविवारिया अवकश, आकस्मिक अवकाश,बीमारी अवकाश, वार्षिक अवकाश,शिक्षा अवकाश, वित्त रहित अवकाश आदि का प्रावधानों को दोनों हाथ से लपक लेते हैं। मोटी रकम भी पाते हैं । यूनियन के अध्यक्ष श्री पांडेय ने  बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से आग्रह किये हैं कि आप स्वतः संज्ञान लेकर कनीय सारणी पुरूषों को न्याय दिलवाये। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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