Tuesday 28 June 2022

जमाकर्ताओं को भुगतान नहीं किया जा रहा है

  ● गर्दनीबाग धरना स्थल पर उनके आंदोलन के समर्थन में पहुंचे माले विधायक

● बिहार सरकार जमाकर्ताओं के अविलंब भुगतान के मसले पर विधानसभा से प्रस्ताव ले



पटना.1980 से ही सहारा इंडिया हाउसिंग फाइनेंस और रियल इस्टेट में राज्य के करोड़ों गरीब परिवार अपना पेट काटकर अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए पैसा जमा करते आए हैं, लेकिन वर्ष 2013 के बाद से पैसे की परिपक्वता पूरी होने के बाद भी जमाकर्ताओं को भुगतान नहीं किया जा रहा है. इसके खिलाफ आज बिहार के कोने-कोने से भाकपा-माले के बैनर तले हजारों की संख्या में जमाकर्ता पटना पहुंचे और बिहार सरकार से हजारों करोड़ की जमा पानी ही राशि के अविलंब भुगतान के मसले पर विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की मांग की.

गेट पब्लिक लाइब्रेरी से माले की केंद्रीय कमिटी सदस्य मीना तिवारी, राज्य कमिटी के सदस्य सूरज कुमार सिंह, पार्टी नेता कमलेश शर्मा, कुमार परवेज़ आदि के नेतृत्व में हाथों में तख्तियां लिए जमाकर्ताओं ने मार्च शुरू किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं. गर्दनीबाग धरना स्थल पर उनके प्रदर्शन को उक्त नेताओं के अलावा बिहार विधानसभा में पुस्तकालय समिति के सभापति सुदामा प्रसाद, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, महानंद सिंह, ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव आदि ने संबोधित किया.

सुदामा प्रसाद ने कहा कि इस मसले पर हमने बिहार विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने की कोशिश की. कहा कि बिहार सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. एक तरफ राज्य में कर्ज के दबाब में लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, तो दूसरी ओर करोड़ो जमाकर्ता अपने ही पैसे की वापसी के लिए लगातार आंदोलनरत हैं, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है. यह बहुत ही दुखद है.

ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि समय पर पैसा नहीं मिलने के कारण जमाकर्ता कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं और इनमें अधिकांश परिवार आज भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. पैसों के अभाव में सैंकड़ों जमाकर्ता बिना इलाज के मर गए और कई परिवार आत्महत्या को मजबूर हैं. ऐसे समय में उनके रुपए का भुगतान नहीं होना एक गंभीर अपराध है. सहारा इंडिया सेबी से पैसे की वापसी का जिक्र करके कहता है कि सेबी से पैसा मिलने पर ही जमाकर्ताओं को पैसा मिलेगा, लेकिन वास्तविकता यह है कि सहारा इंडिया की तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में पैसे की वापसी को लेकर कोई भी मुकदमा नहीं किया गया है. वह देश की जनता की आंखों में और धूल नहीं झोक सकती.

महबूब आलम ने कहा कि कॉरपोरेटों को मोदी सरकार ने लूट की खुली छूट दे रखी है. यदि सरकार चाहती तो अब तक जमाकर्ताओं के पैसे मिल गए होते. लेकिन यह सरकार तो सब कुछ बर्बाद करने पर तुली हुई है. जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा जा रहा है. इसे हम स्वीकार नहीं करेंगे.

महानंद सिंह ने कहा कि सहारा इंडिया में जमा बिहार के एक करोड़ जमाकर्ताओं के अविलंब भुगतान संबंधित एक प्रस्ताव बिहार विधानसभा से पारित करने, सहारा इंडिया परिवार के जमाकर्ताओं के भुगतान के लिए  सरकार द्वारा अपने स्तर से कानूनी कार्रवाई करने, दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश कि जबतक भुगतान नहीं तब तक कोई काम नहीं के आदेश की अवहेलना करते हुए सहारा की शाखाओं में सादे कागज पर लिए जा रहे पैसों पर अविलंब रोक लगाने तथा सहारा से जुड़े सभी मामलों का 6 महीने के अंदर फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए निपटारा करने की मांगों का समर्थन करते हैं. उन्होंने इसपर सदन के अंदर लड़ाई तेज करने का आश्वासन दिया.

शशि यादव ने कहा कि सरकार का असली चेहरा अब पूरी तरह साफ है. जनता की गाढ़ी कमाई को धोखेबाजी से लूट लेने वाला सहारा इंडिया की संपत्ति जब्त करके जमाकर्ताओं का पैसा सरकार उन्हें दिलाए.

मौके पर प्रदर्शनकारियों ने अपना स्मार पत्र मजिस्ट्रेट को सौंपा. कार्यक्रम के समन्वयक सूरज कुमार सिंह ने कहा कि यदि सरकार इस प्रदर्शन के बाद भी नहीं चेतती, तब हम धारावाहिक आंदोलन में उतरेंगे. कहा कि यह शर्मनाक है कि इतना कुछ होने के बाद भी सादे कागज पर सहारा आम लोगों से पैसा ले रहा है. सरकार इसे तो कम से कम रोके.


 आलोक कुमार

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