Monday 16 January 2023

अगर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो साधु संत चुप नहीं बैठेंगे

* बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर दिए विवादित बयान पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा और जो लोग मेरी जीभ काटना चाहते हैं उन्हें इस मुद्दे पर मुझसे तर्क करना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

*बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काट कर लाएगा उसे 10 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए. अगर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो साधु संत चुप नहीं बैठेंगे.                                        

पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह वैसे तो काफी पढ़े लिखे हैं. साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है. रामचरितमानस को उन्होंने सीधे-सीधे समाज में नफरत फैलाने वाला बता दिया.नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में जिस पीली पगड़ी को धारण कर रामचरितमानस के बारे में शिक्षा मंत्री भला-बुरा कह रहे थे.शिक्षा मंत्री को पता नहीं कि पीले रंग के वस्त्र भी रामचरित मानस से जुड़े हुए हैं.तुलसीदास कहते हैं कि पीत बसन परिकर कटि भाथा. चारु चाप सर सोहत हाथा.तन अनुहरत सुचंदन खोरी. स्यामल गौर मनोहर जोरी.भावार्थ ये है कि राम-लक्ष्मण पीले रंग के वस्त्र पहने हैं.कमर में पीले दुपट्टों में तरकस बंधे हैं.हाथों में सुंदर धनुष-बाण सुशोभित है. श्याम और गौर वर्ण के शरीरों के अनुकूल सुंदर चंदन की खौर लगी है.सांवरे और गोरे रंग की मनोहर जोड़ी है.विवादित टिप्पणी कर बैकफुट पर आये चंद्रशेखर सिंह अपनी गलती मानने की जगह कुतर्क कर रहे हैं.चंद्रशेखर सिंह ने बयान पर बवाल के बाद जो जवाब दिया है.उस जवाब का उत्तर भी रामचरितमानस में है और शिक्षा मंत्री पर सटीक बैठता है.                               

हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की चौतरफा आलोचना हो रही है.यहां तक महागठबंधन में विचार भिन्नता है.जदयू और कांग्रेज ने शिक्षा मंत्री को साथ नहीं दे रहे है.दोनों दलों के नेताओं ने राजद को कारगर कदम उठाने को कहा है.     

         शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान के बाद अयोध्या के साधु संतों में आक्रोश देखा जा रहा है. रामजन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इस बयान पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. वहीं, तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बिहार के शिक्षा मंत्री पर 10 करोड़ का इनाम घोषित किया है. उन्होंने कहा कि जो भी बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काट कर लाएगा उसे 10 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए. अगर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो साधु संत चुप नहीं बैठेंगे.           अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने मंत्री को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि मंत्री के बयान से पूरा देश आहत है. उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस लोगों को जोड़ने वाला ग्रंथ है. रामचरितमानस मानवता की स्थापना करने वाली किताब है.


बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा था कि मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स... ये किताबें नफरत फैलाने वाली किताबें हैं.नफरत से देश महान नहीं बनेगा, प्रेम देश को महान बनाएगा. मंत्री ने कहा था कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि इसमें एक बड़े तबके के खिलाफ कई गालियां दी गई थीं. रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया और किस भाग का विरोध किया गया? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निम्न जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने से वैसे ही जहरीले हो जाते हैं जैसे दूध पीने के बाद सांप बन जाता है. यह समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने से रोकता है.                    

        अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा)की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस संबंधी बयान के पक्ष विपक्ष में बहस और तर्क हो सकते हैं लेकिन उनकी जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा अयोध्या के एक आचार्य कर रहे हैं, ये क्या है? इस तथाकथित आचार्य द्वारा खुल्लमखुल्ला हिंसा का आह्वान किया जा रहा है. सरकार को इसके खिलाफ कारवाई करनी चाहिए.                  

         राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे  ने कहा कि इस साधु के पास इतना पैसा कहां से आया है? आम लोग अपनी धार्मिक आस्था से मंदिरों को चढ़ावा देते हैं लेकिन उस पैसे का उपयोग धार्मिक या जनकल्याण के काम में करने के बदले उस पैसे से जीभ काटने या सिर कलम करने की आज बात की जा रही है.यह खुले आम हिंसा का आह्वान है. यह आपराधिक कृत्य है .   राज्य सचिव शशि यादव व राज्य सहसचिव अनीता सिन्हा ने कहा कि श्री सुशील मोदी समेत भाजपा के जो नेता सड़कों पर आज आंदोलन कर रहे हैं उन्हें पहले इस हिंसक बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.

            तुलसीदास जी ने जिस काल में रामचरित मानस लिखा था, वह सामंती समाज व्यवस्था का दौर था और सामंती व्यवस्था में स्त्रियों और दलितों की अधीनता को जायज ठहराया गया है, अनैतिक नहीं माना गया है इसलिए मानस में ऐसी कई चौपाइयां हैं जो स्त्रियों को दोयम दर्जे का दिखाती हैं. उस दौर में स्त्रियों और दलितों के लिए शिक्षा सहज उपलब्ध नहीं थी आज जब महिलाएं या समाज का वंचित हिस्सा जब शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो इस पर चर्चा होगी.  इसे राम में किसी की आस्था का अपमान करना नहीं समझा जाना चाहिए.

     बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर दिए विवादित बयान पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि जो गलत है उस पर आवाज उठाता रहूंगा और जो लोग मेरी जीभ काटना चाहते हैं उन्हें इस मुद्दे पर मुझसे तर्क करना चाहिए. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.


आलोक कुमार 

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