पटना. विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है. कल यानी शनिवार को विश्व पृथ्वी दिवस का 53वां आयोजन होगा. इसको मनाने का उद्देश्य यह है कि लोग पृथ्वी के महत्व को समझें और पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने के प्रति जागरूक हों.
पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है ताकि लोग पर्यावरण के महत्व को सही तरीके से समझ सकें और इसका बचाव कर सके. इस दिन कई जगहों पर पौधे लगाए जाते हैं. स्कूल, कॉलेज और विभिन्न संस्थान में इसको लेकर बच्चों को जागरूक किया जाता है. आज के समय में क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है. इसलिए धरती को बचाने के लिए कई तरह के संकल्प लिए जाते हैं.
इस दिन को मनाने की शुरुआत अमेरिका से की गई थी. अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने सबसे पहला प्रयास किया था. वे चाहते थे कि कोई ऐसा दिन तय किया जाए जिस दिन लोगों को एक जगह इकट्ठा कर पर्यावरण के महत्व को समझाया जा सके. उनको विचार आया कि इस दिन को मनाने का सबसे बेहतर समय 19 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच का समय होगा. अप्रैल चुनने के पीछे सबसे बड़ा कारण था कि इस समय न कोई पर्व-त्योहार होते हैं न ही बच्चों के स्कूल की परीक्षाएं. इसलिए उन्हें ये सबसे सही समय लगा इस दिन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए. इसके बाद से विश्व पृथ्वी दिवस के लिए 22 अप्रैल की तारीख हमेशा के लिए तय हो गई.
1970 में जब विस्कॉन्सिन के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने फैसला किया कि वह वायु और जल प्रदूषण के खतरों के बारे में लोगों में जागरूकता लाना चाहते हैं उसी दिन से यह दिन मनाया जाने लगा. उसके बाद वह कांग्रेसी पीट मैकक्लोस्की और कार्यकर्ता डेनिस हेस के साथ शामिल हो गए. वैश्विक स्तर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए 22 अप्रैल 1970 को पहली बार पृथ्वी दिवस वृहद स्तर पर मनाया गया था.
बात 1969 की है उस वक्त कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव हो गया था, जो उस वक्त की सबसे बड़ी त्रासदी थी. इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई. इस घटना ने अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को काफी परेशान किया. इसके बाद से ही उन्होंने फैसला किया कि अब वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करेंगे. इसके बाद नेल्सन के आह्वान पर अमेरिकियों ने पृथ्वी दिवस के पहले आयोजन में हिस्सा लिया था.
आलोक कुमार
No comments:
Post a Comment