पटना.पटना में स्मार्ट सिटी के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ने पर रोक लगे.यह मांग भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने 03 मई को किया.उनके नेतृत्व में पटना स्टेशन के पास सैकड़ों फुटपाथ दुकानदारों ने पाया नंबर -6 के पास धरना - प्रदर्शन किया.इसके बाद 04 मई को न्यू मार्केट के पास सभा किया गया.आज 06 मई को अहिंसात्मक आंदोलन करने वाले महागठबंधन के घटक भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम को ऐसे मामलों में मुकदमा थोप दिया गया.जो लोकतांत्रिक प्रतिवादों का हनन है.
पटना स्टेशन के न्यू मार्केट के फुटपाथ दुकानदारों पर बुलडोजर के खिलाफ भाकपा- माले का प्रदर्शन
स्मार्ट सिटी योजना के नाम पर राजधानी पटना में फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ने की प्रक्रिया के खिलाफ कल यानी 03 मई को भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के नेतृत्व में स्टेशन के पास सैकड़ों फुटपाथ दुकानदारों ने पाया नंबर - 6 के पास धरना - प्रदर्शन किया. उसके बाद 04 मई को न्यू मार्केट के पास सभा किया गया.
मौके पर महबूब आलम ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार चल रही है, उसे हमारी पार्टी का समर्थन है, ऐसी स्थिति में एक भी फुटपाथ दुकानदार की दुकान नहीं उजड़ना चाहिए. लेकिन हम देख रहे हैं कि बिहार में भी स्ट्रीट वेंडर (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ वेडिंग 2014) केंद्रीय कानून का लगातार हनन हो रहा है और फुटपाथ दुकानदारों पर बुलडोजर चल रहे हैं.
इस कानून के तहत सड़क किनारे बैठकर या चलायमान स्थिति में फुटपाथ दुकानदारों को अपनी दुकानें लगाने का अधिकार है. यह बड़ा अफसोस जनक है कि महागठबंधन सरकार में भी यह कानून लागू नहीं हो रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि स्टेशन रोड स्थित फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ने के खिलाफ हम नगर विकास मंत्री और बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे. दुकानदारों के मान - सम्मान और रोजगार के सवाल पर हमारी लड़ाई जारी रहेगी. यदि सरकार अपने बुलडोजर पर लगाम नहीं लगाती है और फुटपाथ दुकानदारों को उनका कानूनी हक नहीं देती है तो हम बड़े आंदोलन में जाएंगे.भाकपा- माले विधायक दल नेता महबूब आलम ने आंदोलन का नेतृत्व किया, नगर विकास मंत्री तेजस्वी से करेंगे मुलाकात
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि जनहित मुद्दों को लेकर विगत दिनों पटना के स्टेशन गोलबंर से जीपीओ गोलंबर तक नगर निगम की टीम द्वारा अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों पर बुलडोजर चलाये जाने खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे माले विधायक दल के नेता महबूब आलम पर पर मुकदमा कर दिया गया है.इसकी कड़ी निंदा की है. नगर निगम ने उनके ऊपर सरकरी कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
उन्होंने नगर विकास मंत्री व बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और फुटपाथ दुकानदारों के लिए पहले वेंडिंग जोन बनाने की मांग की है. सरकार से यह भी अपील की है कि माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और अन्य आंदोलनकारियों पर से ऐसे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए चाहिए. एक जनप्रतिनिधि जनता की मांग और उनके आंदोलन का नेतृत्व नहीं करेगा तो कौन करेगा? ऐसे मामलों में मुकदमा थोप देना लोकतांत्रिक प्रतिवादों का हनन है.
आंदोलन के क्रम में माले विधायक दल के नेता महबूब आलम पर मुकदमा
महबूब आलम किसी राजनीति लाव-लश्कर के शिकार नहीं हैं.साधारण तरीके से रहते हैं. इलाके के लोगों के दुख-सुख में शामिल होते हैं. महबूब अपने विधानसभा क्षेत्र में स्थित गांव शिवानंदपुर में महज आठ सौ वर्ग फीट के मकान में रहते हैं. महबूब आलम 2020 के विधानसभा चुनाव में सुर्खियों में तब आये जब उन्होंने सबसे अधिक मार्जिन से सीट जीत ली. चार बार विधायक रहे महबूब आलम आज तक अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में रहते हैं.उनके पास पक्का घर नहीं है.बौद्धिकता में परिपूर्ण महबूब आलम सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर हमेशा बेबाक टिप्पणी करते हैं.विधानसभा परिसर में राष्ट्रीय और राज्यहित के मुद्दों को लेकर हमेशा विरोध प्रदर्शन करते हैं.
आलोक कुमार
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