‘माँ: भाव यात्रा’ प्रदर्शनी का आयोजन 4 अप्रैल से
माता-पिता, बुज़ुर्गों पर केन्द्रित मार्मिक कविता पोस्टर प्रदर्शनी

भावुक प्रदर्शनी वैसे इंसानों को सबक सीखाएगा। जो माता-पिता, बुजुर्गों की अनदेखी करते हैं। अनदेखी करने वाली संतानों पर श्री गोयल ने तीखा रचनात्मक प्रहार किया है जो उनके अंतर्मन को खदबदा देता है। ब्लैक एंड व्हाइट फोटो की पृष्ठभूमि पर उकेरी कई पंक्तियाँ जैसे ‘पति को/ काँधा देने/ चार जने/ आए/ मेरे जने/ चार नहीं आए/ बस’ या ‘मेरे ही/ दूध से/ मिला बल/ इतना कि/ मुझ पर ही/ आजमाया गया’ ष्या ‘बाँझ स्त्री/ कोसती है भगवान को/ पूतोंवाली/ ख़ुद को कोसती है’।
संक्षिप्त परिचय
अनिल गोयल
बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अनिल गोयल कुछ बरसों से सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अपनी कई मुहिम खासकर माँ, बेटी, पशु -पक्षी, जंगल, पर्यावरण, पानी आदि को लेकर संवेदनशीलता से नाता रखनेवालों के बीच अलग ही नज़र आते हैं। उनके कविता पोस्टर्स आंदोलित करते हैं। उनकी मार्मिकता बेचैन करती रहती हैं। अपनी तरह की इकलौती यह प्रदर्शनी अब तक देश के अनगिनत स्थलों पर लगाई जा चुकी है।

उस विषय को विभिन्न माध्यमों से जनचिंता का आधार बनायेंगे जो विलुप्त होते जा रहे हैं। इसी के तहत कई बरसों से अनेक नगरों-कस्बों में बुजुर्गों, बेटी, पशु -पक्षी, जंगल, पर्यावरण, पानी आदि पर केंद्रित कविता पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन. ‘माँ’ और ‘बिटिया की चिट्ठियां’ प्रदर्शिनयाँ बहुचर्चित रहीं. www.maa-mother.com और www.bitiyakichithiya.com नामक बेव साइट देश के असंख्य नेट यूजर्स द्वारा बेहद सराही जा रही है. इसमें बेटियों पर केंद्रित कविता पोस्टर्स, समाचार और लेखादि पढ़े जा सकते हैं. ‘उसी चौखट से’/ ‘बिटिया की चिठिया’/ ‘रोटी नहीं सवाल नया’ पुस्तकों का प्रकाशन है। सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करने वाले रचनाकार-कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित संस्थाओं से सम्मानित. संपर्क: ‘अंतरनाद’, 265 ए, सर्वधर्म कालोनी, कोलार रोड, भोपाल 462042 (मप्र) मो. 09425302353
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