Friday 29 March 2013

गुड फ्राइडे के रस्म अदायगी संपन्न

ईसा मसीह के जख्म पर लिया चुम्मन

गुड फ्राइडे के रस्म अदायगी संपन्न

पटना। आज ईसाई समुदाय ने गुड फ्राइडे के अवसर पर उपवास और पहरेज रखा। गिरजाघरों में गुड फ्राइडे की प्रार्थना में भाग लिये। सलीब पर लटकाएं गये ईसा मसीह के जख्म पर चुम्मन लिये। परमप्रसाद ग्रहण किये। गिरजाघर से घर में आकर उपवास और पहरेज तोड़े।

राज्यभर के ईसाई समुदाय ने गुड फ्राइडे के अवसर पर उपवास और पहरेज रखा। दिनभर प्रार्थना किये और दोपहर में गिरजाघर में गये। इस साल का दुःखभोग 13 फरवरी 2013 से शुरू हुआ था। आज पवित्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। ईसा मसीह के शहादत दिवस पर पाटलिपुत्र में स्थित सेक्रेट हार्ट चर्च में 3 बजे से, दीघा में स्थित एक्स.टी.टी.आई में 3 बजे से, .जी.कॉलोनी रोड में स्थित संत मेरी एकेडमी 3 बजे से, आशियाना और शेखपुरा में स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में 4 बजे से और कुर्जी में स्थित कुर्जी होली फैमिली अस्पताल में 4 बजे से और पाटलिपुत्र कॉलोनी में स्थित नोट्रडेम एकेडमी में 4.30 बजे से गिरजाघर में प्रार्थना की गयी।

गिरजाघर लगभग भरा हुआ था। इसके कारण कुछ लोग बाहर में खड़े रहे और गप्प कर रहे थे। सभी लोग गमगीन रहे। चर्च के अंदर रहने वाले धर्मावलम्बी प्रार्थना में मग्न रहे। गिरजाघर में कई बार पवित्र बाइबिल का पाठ पढ़ा गया। श्रद्धालु ध्यान से सुनकर चिंतन कर रहे थे। मानो पाठ को उतारने की कोशिश कर रहे थे।

इसके बाद कुर्जी में स्थित प्रेरितों की रानी ईश मंदिर के प्रधान पुरोहित फादर ग्रेगरी गोम्स ने अपने हाथ में भारी भरकम क्रूस को लेकर आगे की ओर बढ़ने लगे। क्रूसित ईसा मसीह के सलीब को बैंगनी कपड़े से ढंका गया था। एक-एक ईसा मसीह के जख्म पर से बैंगनी कपड़े को हटाते हुए फादर ग्रेगरी गोम्स कहते है, क्रूस के गांठ को देखे जिसपर संसार के मुक्तिदाता टंगे है। उसके जवाब में श्रद्धालु कहते हैं, आवों हम उसकी आराधना करें।

  इसके बाद ईसा मसीह के सिर पर कांटों का ताज रखने से जख्म,दोनों हाथ की हथेलियों में कील ठोंकने से जख्म, शरीर के पंजरे में भाला मारने से जख्म और दोनों पैरों को एक जगह लाकर कील ठोंकने से उत्पन्न जख्म पर श्रद्धालुओं ने चुम्मन लिये। एक व्यक्ति चुम्मन लेकर जाते तो पुरोहित के द्वारा रूमाल से पौंछ दिया जाता था ताकि अन्य चुम्मन ले सके। उपस्थित भीड़ को देखते हुए कई जगहों पर चुम्मन करने की व्यवस्था की गयी। चुम्मन कर लेने के बाद परमप्रसाद वितरण किया गया। इसके बाद श्रद्धालु घर आकर उपवास और पहरेज तोड़े।






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