Thursday 2 May 2013

कुलाधिपति डॉ. डी.वाई.पाटिल द्वारा की गई नियुक्ति पर डा. जगन्नाथ मिश्र ने प्रसंशन्नता व्यक्त की



कुलाधिपति  डॉ. डी.वाई.पाटिल द्वारा की गई नियुक्ति पर डा. जगन्नाथ मिश्र ने  प्रसंशन्नता व्यक्त की


पटना। बिहार राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की क्षत-विक्षत शैक्षणिक, प्रशासनिक तथा वित्तीय अस्त-व्यस्तता और विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के निराकरण के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय के निदेश पर विश्वविद्यालय अधिनियम के अन्तर्गत अस्थायी नियुक्ति के लिए अधिकृत बिहार के राज्यपाल डॉ. डी.वाई. पाटिल ने बिहार के विश्वविद्यालयों के वरिष्ठत्तम स्वच्छ छवि के विश्वविद्यालय आचार्यो को कुलपति एवं प्रतिकुलपति नियुक्ति कर एक प्रसंशनीय कार्य किया है। यह सर्वविदित है कि पिछले कुछ वर्षो में बिहार में उच्च शिक्षा लगातार अधोगति की ओर बढ़ती गई, और अनेक प्रकार की विसंगतिया, भ्रांतियाँ और गुणवत्ता विहिनता बढ़ती जाने से राज्य और राज्य के बाहर बिहार कि छवि पर लगातार आघात होता गया है। पूर्व राज्यपाल ने सभी मर्यादाओं को खंडित करते हुए ऐसी परिस्थितियाँ पैदा कर दी जिससे संपूर्ण देश में बिहार का उच्च शिक्षा कलंकित होता गया। राज्य सरकार के प्रयत्नों के बावजूद उच्च शिक्षा में इसलिए सुधार नही हो सका क्योंकि विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत कुलाधिपति को विशेषअधिकार प्राप्त है, उस विशेषाधिकार का कुलाधिपति ने लगातार दुरूपयोग किया। राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी को विभिन्न सूत्रों से यह जानकारी मिली कि पूर्व कुलाधिपति के कार्यकाल में बिहार के विश्वविद्यालयों की स्थिति बिगड़ती गई। इसलिए उनके निदेश पर ही देश के प्रख्यात शिक्षाविद् पद्मश्री डॉ. डी.वाई.पाटिल को बिहार का राज्यपाल के रूप में नियुक्त कर बिहार की उच्च शिक्षा में पुनः नई सम्भावनाएँ बना दी है। उच्चतम न्यायालय ने 18 मार्च 2013 को ही तत्कालिन कुलाधिपति द्वारा नियुक्त सभी कुलपतियों एवं प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी तथा 23 अप्रैल 2013 को बिहार के राज्यपाल को अस्थायी नियुक्ति करने के लिए अधिकृत किया है। डॉ. पाटिल और राज्य सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत से कुलपति तथा प्रतिकुलपति के नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्ड से बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किये जा रहें है। 29 अप्रैल 2013 को उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले का अतिंम निष्पादन संभावित है।
डॉ. मिश्र ने इस बात पर प्रशसंता व्यक्त की है कि कुलाधिपति ने सभी विश्वविद्यालयों से शिक्षको के संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त कर वरीयतम विश्वविद्यालय आर्चायों को कुलपति तथा प्रतिकुलपति की नियुक्ति कर विश्वविद्यालय क्षेत्र में एक नई उम्मीद तथा संभावना सृजित कर दी है।