Tuesday 3 September 2013

मुखिया ने हरी झंडी दिखाकर गांव विकास यात्रा को रवाना किया



जहानाबाद सदर प्रखंड के 5 पंचायतों में किया भ्रमण
आज भी हजारों की संख्या में भूमिहीन दिखे
जहानाबाद। इस जिले जहानाबाद सदर प्रखंड के पांच पंचायतों के दर्जनों गांव और टोलों में गांव विकास यात्रा आयोजित की गयी। इसका आयोजन भूमि अधिकार मोर्चा ने किया। पुअरेस्ट एरिया सिविल सोसायटी पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व किया।
महादलितों की भूमिहीनता की समस्या बरकरारः
महादलितों की भूमिहीनता की समस्या बरकरार है। यह गांव विकास यात्रा के दरम्यान उभर कर सामने आयी। हजारों की संख्या में भूमिहीनता का दंश झेलने वालों को सरकार ने आवासीय जमीन और खेती योग्य जमीन उपलब्ध नहीं करायी है। केन्द्र सरकार ने बिहार सरकार के पास 10 डिसमिल जमीन देने हेतु सुझाव पेश किया गया है। इस सुझाव को अमल नहीं किया जा रहा है।
वासगीत पर्चा निर्गत करें:
जो महादलित जमीन कब्जा करके घर बनाकर रहते हैं उनको वासगीत पर्चा देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा भूमि सुधार आयोग गठित किया गया था। इस भूमि सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष डी.बंधोपाध्याय ने बिहार सरकार को प्रेषित अनुशंषा में जमीन पर कब्जा करके घर बनाकर रहते हैं। उनको वासगीत पर्चा देने का प्रावधान किया था। हजारों की संख्या में महादलित राज्यकर्मियों की ओर आंख बिछाकर बैठे हैं कि कोई ने दिल वाले कर्मी आकर वासगीत पर्चा निर्गत कर देंगे।
1-2 डिसमिल जमीन देने वालों को 3 डिसमिल जमीन का निर्गत करते पर्चाः
इसे क्या कहेंगे? 1-2 डिसमिल जमीन देते हैं और 3 डिसमिल जमीन निर्गत करने का कागजात देते और घोषणा करते हैं। यह खुलासा जब गांव विकास यात्रा के दरम्यान समस्याओं का आकलन करने गये लोगों के सामने महादलितों ने राज्यकर्मियों की पोल खोल दी। यह सरेआम धोखा है।
जहानाबाद में स्मार्ट कार्ड से इलाज बंदः
जहानाबाद में स्मार्ट कार्ड से इलाज करना बंद है? यह हम नहीं करते हैं। गांव विकास यात्रा के दरम्यान लोगों ने आपबीती बयान बताया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं है। यहां के मो. हकीम कुरैसी बताते हैं कि स्मार्ट कार्ड से तो इलाज ही नहीं होता है। स्मार्ट कार्ड पर इलाज करने वाले डाक्टर के पास जाने के बाद कहा जाता है कि स्मार्ट कार्ड से इलाज करना बंद हो गया है। आप प्रायवेट क्लिनिक में जाकर रकम देकर इलाज करा लें। उसी जगह पर मिथलेश कुमार चौहान बताते हैं कि जुलाई,2013 में डा. के. राजन के पासे गये थे। डा. के. राजन ने स्मार्ट कार्ड को उठाकर फेंक दिये। इलाज करवाने के एवज में 6 हजार रूपए डकार गये।
मजदूरी 1700 सौ और भुगतान 800 सौ रूपएः
महात्मा गांधी नरेगा में भारी अनियमिता सामने आयी। मुठेर पंचायत में लोथा मांझी रहते हैं। उनका कहना है कि जॉब कार्ड पर काम किये हैं। कुल मजदूरी 1700 सौ रूपए हुआ था। केवल मजदूरी में 800 सौ रूपए भुगतान किया गया। शेष 9 सौ रूपए आजतक भुगतान ही नहीं किया गया।
सेवनन पंचायत के जॉब कार्डधारियों का कार्ड हड़प लियाः
सेवनन पंचायत के लोगों का कहना है कि हम लोगों को जॉब कार्ड बना हुआ है। बैंक में खाता भी खोल दी गयी  है। लेकिन हमलोगों के हाथ में जॉब कार्ड और बैंक के द्वारा निर्गत बैंक के द्वारा निर्गत पासबुक नहीं है। जॉब कार्ड और पासबुक दबंग के कब्जे में है। इस दबंग से मांग करने पर जवाब में कहता है कि तुम लोग क्या करोंगे? मैं काम करवाता हूं तो मेरे पास रहने दो। अगर काम नहीं करना चाहते हो तो जॉब कार्ड और पासबुक ले जा सकते हो। काम करने के बाद पैसा भी नहीं मिलेगा। लोगों का यह भी कहना है कि जो बड़े लोग हैं उनके नाम से भी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा में लूटपाट की जा रही है।
 इस तरह कल्पा पंचायत से प्रारंभ होकर गांव विकास यात्रा मुठेर पंचायत में जाकर समाप्त हो गयी। प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता नागेन्द्र कुमार, अशोक कुमार आदि लोगों ने नेतृत्व किया।

आलोक कुमार