Saturday 14 September 2013

गंगा में जबतक पानी तबतक सरकार की


गंगा में जबतक पानी तबतक सरकार की
पानी हटते ही गंगा में जनता की
गंगा अगले साल राजधानी के करीब होने की भविष्यवाणी
पटना। राजधानी में रहने वालों के लिए खुशखबरी है। अगले साल गंगा राजधानी के करीब जाएगी। यह भविष्यवाणी कोई विज्ञानी ने नहीं की है। बल्कि गंगा की बदलती धारा से सकेंत मिलनी शुरू हो गयी है। अभी घटती गंगा में 3 पेट बन गयी है। जो फनफनाती गंगा के घटने के बाद हुई है। इसमें एक पेट छोटी है। जिसके कारण अस्तित्वविहीन हो जाएगी। दो पेट रह जाएगी। एक पेट उत्तर की ओर और दूसरी पेट दक्षिण की ओर काट रही है। दक्षिण की ओर काटती पेट ही गंगा को राजधानी के करीब लाकर छोड़ देगी। राजधानी से अभी गंगा की दूरी डेढ़ किलोमीटर है। जो एक किलोमीटर आकर ठहर जाएगी। पहले दो किलोमीटर से अधिक की थी।
 पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के गोसाई टोला के सामने गंगा किनारे सत्येन्द्र यादव से बातचीत हो रही थी। जो सोनपुर में रहते हैं। बाढ़ के कारण मवेशी लेकर गोसाई टोला में रहते हैं। उनका कहना है कि गंगा में पानी रहते समय गंगा सरकार की होती है। जैसे ही गंगा में से पानी घटता है। वैसे ही गंगा जनता की हो जाती है।
राजधानी में रहने वालों से रूठकर गंगा दूर चली गयीः
राजधानी से दूर गंगा की चले जाने से श्रद्धालु परेशान हो गये। सबसे अधिक कष्ट छठ महापर्व के समय डूबते भगवान भास्कर और उदयीमान भगवान दिवाकर को अर्धदान देने के समय में हुआ। इसके कारण प्रशासन गांव में ही तालाब खुदवाकर अर्धदान देने की व्यवस्था कराने लगी। वहीं मन चंगा तो कठौती में गंगा की तर्ज पर छठ महापर्व की रस्म अदायगी घर में भी होने लगी। इसके आलोक में केन्द्र और राज्य सरकार भी परेशान होने लगी। राजधानी वासियों से रूठकर गंगा दूर चली गयी तो केन्द्रीय सरकार ने रूठी गंगा को राजधानी के करीब लाने का प्रयास करने लगी। तत्कालीक मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में यह प्रयास हुआ। परन्तु सफलता नहीं मिली। इस तरह करोड़ों रूपए बर्बाद चला गया।
आलोक कुमार