Wednesday 18 September 2013

महादलितों को गैर मजरूआ जमीन पर बसाने का भरोसा अंचलाधिकारी ने दिया


      

कामता गांव के महादलितों के द्वारा प्रेशित आवेदन पत्र पर कार्रवाई
जमीन खींचकर बढ़ाने वाली चीज नहीं

हिलसा। आखिरकार सरकार के द्वारा 24 साल के बाद मुसहर समुदाय को भरोसा दिया गया है। डी.एफ.आई.डी. पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीष कुमार के गृह जिला नालंदा में कार्य किया जा रहा है। प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा एकंगर सराय और हिलसा प्रखंड में कार्य किया जा रहा है। हिलसा प्रखंड के कामता पंचायत के कामता गांव में स्थित मुसहरी के लोगों को वर्श 1989 में 27 महादलितों को डेढ़-डेढ़ डिसमिल जमीन दी गयी। महादलितों की आबादी बढ़ने के कारण कामता गांव के मुसहरी में रहने वालों को परेषानी बढ़ गयी है।

वर्ष 1989 में 27 महादलितों को डेढ़-डेढ़ डिसमिल जमीन मिलीः
जब प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता मुकुल कुमार ने मुसहरी में गये तो उनको पता चला कि सरकार ने महादलित मुसहर समुदाय को वर्श 1989 में 27 महादलितों को डेढ़-डेढ़ डिसमिल जमीन दी गयी। उनके नाम से पर्चा भी निर्गत किया गया। थाना संख्या 60 है। दुर्भाग्य से जब ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम के तहत मकान निर्माण कराने ठेकेदार गये। तब गैर मजरूआ जमीन को हथियाने वाले कैलाष सिंह ने मकान निर्माण करवाने वाले ठेकेदार को खदेड़ दिये। किसी तरह से ठेकेदार गैर मजरूआ जमीन के बगल में स्थितअलग पर ही मकान बनाकर चले गये। उसी समय से महादलित निर्गत खाता संख्या- 197 और खेसरा संख्या 2457 के जमीन का पट्टा रूपी कागजात को सीने में लगाकर रखे हुए हैं।
इसको आधार बनाकर अंचलाधिकारी को आवेदन दियाः
कामता मुसहरी गांव के बारे में लिखकर आवेदन पत्र अंचलाधिकारी महोदय को पेष किया गया। कामता गांव के लोगों के द्वारा प्रेशित आवेदन कुछ दिनों में दो कुर्सी पार करके क्षेत्रीय कर्मचारी षषि भण पाडेण्य के पास चला गया। क्षेत्रीय कर्मचारी षषि भूशण पाडेण्य ने जांच पड़ताल करने के बाद प्रतिवेदन अंचलाधिकारी महोदय को पेष कर दिये।
बसाने का भरोसा अंचलाधिकारी सतीष कुमार ने दियेः
इस समय काफी दिक्कत से महादलित मुसहर समुदाय के लोगअलग पर रहते हैं। इसके आलोक में अंचलाधिकारी सतीष कुमार ने कामता मुसहरी में रहने वालों के प्रति सहानुभूति व्यक्त किये। इतना तक कह गये किअलग के बगल में जो गैर मजरूआ भूमि है उस पर महादलितों को बसाया जाएगा। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। हां, सर्वे में पारदर्षिता जरूर होनी चाहिए। जिसके पिता जी अभीअलग पर रहते हैं। उनके एक पुत्र अपने पिताजी की जमीन पर रह सकते हैं। बाकी पुत्रों का नाम का सर्वे कर सूची बनाना चाहिए। ने देना चाहिए। ताकि उनको सहजता से बगल  वाली जमीन पर बसाया जा सके।
सीओ ने पारदर्षिता के साथ सूची बनाने की जिम्मेवारी दीः
गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कार्यकर्ता मुकुल कुमार ने अंचलाधिकारी सतीष कुमार से मुलाकात कर कामता गांव के बारे में जानना चाहा तो अंचलाधिकारी महोदय ने कहा कि कामता गांव में जितने आवासीय भूमिहीन हैं उनको बगल वाले गैर मजरूआ भूमि पर बसा देंगे। याद रहे कि जमीन खींचकर बढ़ाने वाली चीज नहीं है। इसके लिए पूर्ण पारदर्षिता के साथ आवासीय भूमिहीनों को सूची बनाकर महादलितों को बसा देंगे। समिति के कार्यकर्ता मुकुल कुमार को सीओ सतीष कुमार ने पारदर्षिता के साथ सूची बनाने की जिम्मेवारी दिये। एक सप्ताह के अंदर सूची बनाने का समय देने की मांग की है।
आलोक कुमार