Thursday 17 October 2013

सरकार के द्वारा आवासीय भूमिहीनों को 3 डिसमिल जमीन देने पर यशोगान



भूमि की जंग लड़ने वाले जन संगठन एकता परिषद के कार्यकर्ताओं के गले से नहीं उतर रहा है

आगे जमीन पीछे वोट नहीं जमीन नहीं वोटपर अमल होगा

अरवल,गया,औरंगाबाद और नवादा ने मिलकर 103.00 फीसदी उपलब्धि हासिल करने में सफल हो गया। वहीं जहानाबाद जिले के द्वारा बेहतर अंजाम नहीं देने के कारण मगध प्रमंडल 103.00 फीसदी से गिरकर 98.03 पर जाकर ठहर गयी।

गया। मगध प्रमंडल के अरवल,गया,औरंगाबाद, नवादा और जहानाबाद जिले के अंचल कार्यालय के द्वारा शानदार कार्य करने से शानदार उपलब्धि प्राप्त किया गया है। जहां अरवल,गया,औरंगाबाद और नवादा ने मिलकर 103.00 फीसदी उपलब्धि हासिल करने में सफल हो गया। वहीं जहानाबाद जिले के द्वारा बेहतर अंजाम नहीं देने के कारण मगध प्रमंडल 103.00 फीसदी से गिरकर 98.03 पर जाकर ठहर गयी। आशा है कि कि द्वितीय चरण में जहानाबाद जिले भरपाई करके सौ फीसदी कार्य अंजाम देने में सक्षम हो जाएगा।

अबतक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के द्वारा राज्य के 1,84,037 भूमिहीन परिवारों को तीन-तीन डिसमिल जमीन उपलब्ध करायी गयी है। इस विभाग के द्वारा पहले गैर मजरूआ आम अन्य सरकारी जमीन को आवासीय भूमिहीनों को आवास के लिए आवंटित किया। जहां सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं थी,वहां सामान्य जमीन को खरीदकर महादलित परिवारों को उपलब्ध कराने की यह योजना 2009.10 से राज्य में शुरू हुई है। प्रथम चरण में 1,99,047 परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। अभी 1,84,037 आवासहीनों को जमीन मिली है। इस तरह अभी बिहार में 15010 ही आवसहीन बचे हैं जिनको सरकार के द्वारा 20 हजार रूपये एक परिवार को जमीन खरीदने के मद से देना है। 

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का आंकड़ा सरकार को महिमामंडित करने वाला हो सकता है। मगर भूमि की जंग लड़ने वाले जन संगठन एकता परिषद के कार्यकर्ताओं के गले से नहीं उतर रहा है। अभी एकता परिषद बिहार के द्वारा 35 हजार आवासीय भूमिहीनों का आवेदन अंचल कार्यालय में पेश किया गया है तो किस आधार से केवल 15010 आवासहीन जमीन लेने से वंचित हैं। बच्चू मांझी ने कहा कि आगामी चुनाव के अवसर पर महादलितों के समाने आंकड़ा पेश करके महादलितों को मायावी जाल में फंसाने और भ्रमाने की साजिश की गयी है। उन्होंने नारा बुलंद किया किआगे जमीन पीछे वोट नहीं जमीन नहीं वोट को कुंद करने के लिए सरकार ने दांव खेला है।

बहरहाल गया जिले के आंकड़े पर नजर दौड़ाएं तो अरवल जिले में लक्ष्य 928  के विरूद्ध में 997 को, गया जिले में लक्ष्य 16471 के विरूद्ध में 16474 को, औरंगाबाद जिले में लक्ष्य 2943 के विरूद्ध में 2943 को, नवादा जिले में लक्ष्य 6288 के विरूद्ध 6288 और जहानाबाद जिले में 3141 के विरूद्ध 2554  महादलित परिवारों को 3 डिसमिल जमीन दी गयी। इस तरह अरवल 107.44, गया 100.02, औरंगाबाद 100.00 और नवादा 100.00 सौ फीसदी उपलब्धि देने वाले जिले हैं। इन चारों जिलों को मिलाने पर कुल लक्ष्य 26630 था और 26702 को जमीन आवंटित कर दिये ऐसे में इनका शानदार 103.00 प्रतिशत होता है। सौ फीसदी उपलब्धि से भी अधिक का रिकॉड बन गया है। वहीं जहानाबाद जिले में लक्ष्य 3141 के विरूद्ध 2554 महादलित परिवारों को 3 डिसमिल जमीन दी गयी। इसका 81.31 प्रतिशत होता है। जहानाबाद जिले के प्रतिशत लुढ़कने से अब मगध प्रमंडल के पांच जिलों को प्रतिशत 98.03 प्रतिशत हो गया है। यह तो प्रथम चरण का हाले--आंकड़ा है। इससे साफ जाहिर होता है कि द्वितीय चरण में जमीन पाने वालों की संख्या में और वृद्धि होगी और तो और प्रतिशत में भी अप्रत्याशित ढंग से उछाल कर दिया जाएगा।


आलोक कुमार