अब सवाल उठता है कि अगर बच्चों को सहायिका पढ़ा रही हैं। तो बच्चों को खाना पका कर कौन खिलाएंगा?

समेकित बाल विकास सेवा परियोजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किया जाता है। कायदे से यह केन्द्र पुरानी पानापुर ग्राम पंचायत के महादलित चमार जाति के चमरटोली में रहना चाहिए था। गंगा नदी के उफान के कारण 9 बीघा में पसरे 162 घर 27 जुलाई,2013 को गंगा मइया के गर्भ में समा गया। इसके बाद से प्रखंड परिसर में संचालित है। केन्द्र की सेविका उर्मिला देवी और सहायिका मिन्ती देवी हैं। यहां पर कुछ बच्चों को सहायिका मिन्ती देवी पढ़ा रही हैं। सेविका उर्मिला देवी को नहीं देखा गया।
अब सवाल उठता है कि अगर बच्चों को सहायिका पढ़ा रही हैं। तो बच्चों को खाना पका कर कौन खिलाएंगा?
आलोक कुमार