दानापुर। हितैषी मनकर आया
और ठगकर चला
गया। वह लाल
कमीज और जैकेट
पहन रखा था।
उसके व्यवहार और
वाक्पटुता के कारण
किसी को पता
भी नहीं चल
सका कि वह
अहित करने वाला
हैं। इसी लिए
कहा जाता है
कि धरती पर
राशि बिखड़ी पड़ी
है। जरूरत है
कि उसे बटोरने
की कला जान
सके। बस वह
कला का ही
प्रदर्शन भर किया।
आप कितने जल्दी
किसी के भी
बहकावे में आ
जाते हैं। आप
परीक्षा में खरे
नहीं उतरे। उसका
खामियाजा भुगत लिये।
बच के रहने
रे बाबा बच
के रहना रेः
जिस जगह पर
आप रहते हैं,
वहां पर थोड़ा
संभल कर रहें।
एक शातिर दिमाग
वाला ठग सक्रिय
हो गया है।
आज बड़े ही
नाटकीय ढंग से
चूना लगा गया।
वह हीरो होण्डा
से हनहनाते आया
और गाड़ी बंद
करके नीचे से
ही आवाज लगाया
कि क्या साहब
हैं ? चीनी लेने
के लिए कह
गये थे। द्वितीय
तल पर खड़ा
व्यक्ति ने ऊपर
से जवाब दिया
कि अभी साहब
दिल्ली गये हैं।
इतना सुनना था
कि वह आगे
बढ़कर द्वितीय तल
तक आने वाली
सीढ़ी पर चढ़कर
ऊपर आ गया।
साहब के बदले
द्वितीय साहब कौन
है? इसके बाद
पुनः बोला कि
महादलित मुसहर समुदाय के
बीच में चीनी
बेची जा रही
है। अगर आप
लोग चीनी खरीदना
चाहते हैं। तो
25 रू. की दर
से चीनी ले
सकते हैं। वहां
पर खड़े चालक
सन्नी कुमार ने
कहा कि मुझको
चीनी खरीदनी है।
चालक के पहनावे
देखकर वह कहा
कि आप तो
महादलित मुसहर की तरह
नहीं दिख रहे
हैं। कोई मुसहर
की तरह दिखने
वाला नहीं है।
वह कार्यालय के
अंदर आकर थोमस
पूर्त्ति को देखकर
कहा कि यह
मुसहर समुदाय के
लोगों के बीच
में सांमस्य स्थापित
कर लेगा।
इतने में लेखापाल
संजय कुमार श्रीवास्तव
आ गयेः अंदर
कार्य करने वाले
कार्य छोड़कर बाहर
आ गया। वह
आदमी लेखापाल से
कहा कि आप
भी चीनी ले
लीजिए। केवल 24 रू. में
एक किलोग्राम मिल
जाएगा। लेखापाल कहने लगे
कि मेरे पास
पैसा नहीं है।
तब चालक सन्नी
कुमार ने कहा
कि मेरे पास
100 रू. है। इससे
चार किलोग्राम चीनी
खरीदी जा सकती
है। इतने में
सन्नी कुमार ने
थोमस को 100 रू.
थमा दिया। उसके
बाद थैला खोजने
थोमस जा ही
रहा था कि
वह कहने लगा
कि थैला की
जरूरत नहीं है।
वहां पर मिल
जाएगा। थोमस ने
कहा कि वहां
से आने के
लिए कुछ पैसा
चाहिए। तब लेखापाल
ने 20 रू. निकालकर
थोमस को दे
दिया। इस तरह
थोमस के पास
120 रू. था।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति
के कार्यालय से
उतराः वह और
थोमस कार्यालय से
उतर कर आये।
हीरो होण्डा पर
थोमस को बैठा
लिया। आगे चलकर
वह थोमस से
चीनी लाने के
लिए 120 रू.देने
की मांग की।
उसके बाद 15 रू.की दर
से चावल भी
उपलब्ध कराने का जाल
फैलाने लगा। थोमस
ने कहा कि
अभी पैसा नहीं
है। इसके बाद
पांच सौ रू.मांगने लगा। वहां
से आने के
बाद पैसा वापस
कर देने का
भरोसा दिया। वह
ठग थोमस को
ठहरने के लिए
कह कर चला
गया। थोमस को
खगौल बैंक में
जाना था। तो
सन्नी को मोबाइल
से कॉल करके
बुला लिया। थोमस
को नामालूम था
कि आज बैंक
बंद है।
उस आदमी के
इंतजार में सन्नी
बैठा रहाः कोई
भी चालक साहब
को डॉप करके
आने तक इंतजार
करते हैं। उसी
तरह आदमी के
इंतजारी में 2 घंटे तक
बैठा ही रह
गया। मगर थोमस
से झांसा लेकर
राशि ले जाने
वाला ठग नहीं
आया। खुद को
ठगा महसूस करके
सन्नी कुमार कार्यालय
वापस आ गया।
बाजार भाव से
कम कीमत पर
चीनी बेचने वाले
की बात से
पसीजकर प्रगति ग्रामीण विकास
समिति के कर्मियों
को चूना लगा
गया। आजकल बाजार
में चीनी 38 से
40 रू. की दर
से मिलती है।
15 रू. प्रति किलोग्राम कम
कीमत पर चीनी
मिलने से भला
कौन न झांसे
में आ जाए।
आलोक कुमार