पटना।
प्रारंभ में गरीबी
रेखा के मापक
कैलोरी के द्वारा
की जाती थी।
एक इंसान को
प्रति दिन 2400 कैलोरी
की जरूरत है।
राष्ट्रीय खाघ सुरक्षा
अधिनियम 2013 के तहत
अब सरकार प्रति
व्यक्ति को 5 किलो
अनाज देने जा
रही है। इस
हिसाब से प्रति
व्यक्ति को मात्र
60 कैलोरी ही मिल
पाएगा। भरपेट खाना खाने
वालों को एक
दाना थमाकर चुनावी
वैतरणी पार करने
के फिराक में
है।
कुर्जी
होली फैमिली अस्पताल
के बगल में
स्थित विघापीठ के
सभागार में भोजन
का अधिकार अभियान(बिहार) के राज्य
सम्मेलन में दूसरे
दिन डा.शकील
अहमद ने कहा
कि भूख की
लड़ाई में आधा
पेट खाने से
चढ़ाई नहीं की
जा सकती है।
अन्य प्रदेशों की
तुलना में बिहार
में जच्चा-बच्चा
मृत्युदर शिखर पर
है। यहां की
महिलाएं 78 प्रतिशत खून की
कमी के शिकार
हैं। अगर प्रसवावस्था
में खून का
अधिक बहाव हो
गया है तो
मौत निश्चित है।
इस ओर ध्यान
देने की जरूरत
है।
उन्होंने
कहा कि इंडिया
वालों ने भारत
के लोगों को
अधिकार देना शुरू
कर दिया है।
खुद को सुरक्षित
जोन में रखकर
दूसरे को अधिकार
दे दिया है।
सूचना का अधिकार,वनाधिकार 2006, शिक्षा का अधिकार,
काम का अधिकार
और भोजना का
अधिकार मिल गया
है। लागू खाघ
सुरक्षा बिल में
सुधार लाने की
जरूरत है।
आलोक
कुमार