राजधानी
से 40 बसों का कारवां, विधायक और प्राचार्य रवाना करेंगे
पटना। मां
मरियम तीर्थ यात्रा रविवार को है। राजधानी पटना से हजारों की संख्या में
श्रद्धालु तीर्थ यात्रा में शामिल होने
जाएंगे। पश्चिमी मैनपुरा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया भाई धर्मेंद्र के द्वारा
लगभग 40 बसों की व्यवस्था कर दी गयी है। अव्वल
मोकामा की महारानी मां मरियम तीर्थ यात्रा में शिरकत करने जाने वाले श्रद्धालु
मुंगेरी ग्राम (कुर्जी) मोड़ के पास जमा होंगे। इसके बाद झारखंड विधान सभा में
एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि जौर्ज जोसेफ गोलस्टेन और संत माइकल हाई स्कूल
के प्राचार्य फादर पीटर अरोग्यस्वामी के द्वारा बसों की कारवां को रवानगी की
जाएगी। इस अवसर की आंखों देखी विवरण क्लारेंस हेनरी पेश करेंगे। रविवार की सुबह
साढ़े पांच बजे से 40 बसों का कारवां जाना शुरू हो जाएगा।
बताते चले
कि प्रत्येक साल मोकामा में मां मरियम तीर्थ यात्रा आयोजित की जाती है। सूबे के
ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु शिरकत करते हैं। एक तरह से ग्रामीण और शहरी श्रद्धालुओं
का मिलन स्थल बन जाता है। अपने स्तर से श्रद्धालु भाग लेते हैं। कुछ नौजवानों के
द्वारा पदयात्रा करके तीर्थ स्थल में पहुंचा जाता है। कुर्जी पल्ली में संचालित
नवयुवक संघ के 35 सदस्य पदयात्रा करके तीर्थ यात्रा
में शामिल होंगे। पप्पू राणा के नेतृत्व में पदयात्रियों ने पालकी बनाया है। इसमें
मां मरियम की प्रतिमा विराजमान है। इसे चार लोग कंधा लगाकर आगे की ओर बढ़ते हैं।
यह भी
बताते चले कि मोकामा चर्च में 23 से 31 जनवरी तक नवदिवसीय प्रार्थना और मिस्सा पूजा आयोजित की गई।
प्रत्येक दिन अपराह्न 4 बजे से प्रार्थना शुरू की जाती।
इसके बाद मिस्सा पूजा के मध्य में परमप्रसाद वितरण किया जाता था। नवदिवसीय धार्मिक
कार्यक्रम का समापन शनिवार को हो गया। रविवार 1 फरवरी को सुबह 6 बजे से पहला
यूख्रीस्तीय समारोह होगा। फादर ह्नदयराज के द्वारा संचालित चंगाई प्रार्थना एवं
मिस्सा पूजा 9 बजे से प्रारंभ। 1 बजे से मां मरियम की भव्य शोभा यात्रा आयोजित की जाएगी।
इसमें कुर्जी पल्ली की पालकी में सवार मां मरियम को भी शोभा यात्रा में शामिल की
जाएगी। इसके बाद 2 बजे से पटना महाधर्मप्रांत के
महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा येसु समाजी के नेतृत्व में महासमारोही यूख्रीस्तीय
मिस्सा पूजा की जाएगी।
आखिर
क्यों जाते हैं श्रद्धालु यात्रा में?
अगर कोई
श्रद्धालु दिल खोलकर मोकामा की महारानी मां मरियम से मांग करते हैं। अगर श्रद्धालु
की मांग को मां मरियम पूर्ण कर देती हैं तो मन्नौती उतारने लोग जाते हैं। विभिन्न
तरह के धार्मिक सामग्री बेची जाती है। इससे खरीदकर घर लाते हैं। यहां के पवित्र जल
को बोतलों में बंद करके लाते हैं। अंधविश्वासी झटके में आने वाले लोगों के ऊपर
छिड़काव किया जाता है। ऐसा करने से शैतानी हवा गायब हो जाती है। इसके आधार पर यकीन
मां मरियम पर बढ़ जाता है। इसी लिए मां मरियम के द्वार पर जाकर श्रद्धा निवेदित
करते हैं।
आलोक
कुमार
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