Wednesday, 12 February 2014

जब खाकी वर्दीधारी ही मजबूर हो जाए तो सामान्य इंसाफ के लिए किधर जाए ....?

पटना। जब खाकी वर्दीधारी ही मजबूर हो जाए तो सामान्य इंसाफ के लिए किधर जाए ....? इसी तरह आज कुछ हुआ। आज शाम  में कुर्जी गए थे। वहां पर मॉडम रिचार्ज करवाना था। मॉडम रिचार्ज कराने के बाद कुर्जी मोड़ टेम्पू पकड़ने आए। कुर्जी मोड़ को जाम से बचाने के लिए एक लम्बे कद काठी और बड़े और रोबदार मुंछ वाले खार्की वर्दीधारी मोर्चा संभाले थे। उसके पीठ पर गन और हाथ में छड़ी लेकर जाम हो जाए। इसके आलोक में छड़ी से टेम्पू चालकों को हड़काते रहा। मगर खाकी वर्दी और छड़ी का प्रभाव टेम्पू चालकों पर नहीं पड़ रहा था। इसका कारण है कि वर्दी की आड़ में टेम्पू चालकों से अवैध उगाही है। मात्रः 5 रूपए लेकर रोड पर ही सवारी चढ़ाने की सहुलियत दे देते हैं। इसके कारण टेम्पों चालकों का मनोबल बढ़ा हुआ है।
जाम कुर्जी मोड़ के पास लगे। खाकी वर्दीधारी बड़े और रोबदार मुंछ वाले पुलिए ने छड़ी से टेम्पू पर मारकर हड़काता और रकम वसूली भी करता रहा। वर्दीधारी आकर टेम्पू चालक से रकम वसूली करना चाहा। मगर टेम्पू चालक ने यह कहकर वसूलने वाले को अगंूठा दिखा दिया कि अभी - अभी टेम्पू निकासी किये हैं। अभी ही पटना से दानापुर जा रहे हैं। जब अबकी बार आएंगे तो जरूर ही रकम दे देंगे।
अभी चालक टेम्पू स्टार्ट ही करने वाला था। दो लड़किया बैठने गयीं। दोनों को जगह देने के क्रम में वह एक सवारी को आगे वाली सीट पर बैठ जाने को कहने लगा। पहले से सीट पकड़ कर बैठे सवारी ने साफ इंकार कर दिया। हम किसी भी कीमत पर आगे वाली सीट पर जाकर नहीं बैठेंगे। किसी पुरूष को बुलाकर आगे वाली सीट पर बैठा लें।
इस पर टेम्पू चालक भड़क गया। बदतमीजी पर उतारू हो गया। वह धमकी देने लगा कि किसी भी कीमत पर गाड़ी आगे नहीं बढ़ाएंगे। जिसने विरोध किया था। उसे हर्गिज नहीं ले जाना चाह रहा था। कोई कुछ नहीं कर सकता। खार्की वर्दीधारी को भी गाली देने लगा कि वह .................... क्या कर सकता हैं। इस तरह के टेम्पू चालके के हरकत करने पर बैठे तीन - चार सवारी उतर गये। उतर कर खार्की वर्दीधारी को वस्तुस्थिति के बाद में बताया गया तो तो वह कहने लगे कि कड़रूवापन व्यवहार करने से टेम्पू चालक शरीर उलझ जाएगा। शरीर में बंदूक है। कुछ करने से हंगामा हो जाएगा। 
सवाल उठता है कि केवल खाकी वर्दी देखकर ही लोग सहम जाते हैं। अगर आप पाकसाफ रहेंगे तो देखते ही टेम्पू आगे बढ़ा देंगे। आप तो भीतरघात किए हुए हैं। मिलीभगत के कारण ही टेम्पू चालक वर्दी को कार्रवाई करने पर मजबूर कर देते हैं। आखिर कबतक मामूली रकम के आगे खाकी वर्दी मजबूर होती रहेगी ?
Alok Kumar