पटना।
अपने ही लालटेन के लौ से राजद सुप्रीमों ने जला डाले आशियाना। घोषणा होते ही नेता विक्षुब्ध हो गए। एक नहीं अनेक नेता रूट गए हैं। अभी खुलकर लालू के दाहिने हाथ रामकृपाल यादव विरोध दर्ज करा चुके हैं। एक-दो दिनों में पाला बदल सकते हैं।
गुरूवार को छात्र आंदोलन के गुरू और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राजद प्रत्याशियों के नामों की सूची का एलान कर दिए। 25 प्रत्याशियों के नामों का एलान किए। यह सभी राजद के अधिकृत प्रत्याशी हैं। परिवार और जातिवाद के चक्कर में पड़ गए हैं।

राज्य सभा के सदस्य सांसद रामकृपाल यादव रूठ गए हैं। यह निश्चित है कि ‘राम’ अलग हो जाएंगे। अगर राजद से ‘राम’ चले जाते हैं तो राजद में सीता राम सिंह तो ठहरे ही रहेंगे। भगवान सिंह कुशवाहा और कृष्णा कुमारी यादव भी हैं। जो डूबती नैया को पार लगाने की कोशिश करेंगे। वहीं गया में रामजी मांझी हैं। जो विपक्ष के हरि मांझी से टकराएंगे। इसमें कोई एक भगवान को परास्त होना ही है। महाराजगंज में प्रभुनाथ सिंह हैं। जो राजद पर प्रभु की दया दृष्टि बरसाएंगे।
फिलवक्त पांच महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है। इसमें राबड़ी देवी और मीसा भारती शामिल हैं। जो कलह का कारण बन गया। अल्पसंख्यक नेता गुलाम गौस भी नाराज चलने लगे हैं। सवाल उठाएं कि राजद के वफादार सिपाही हैं। राजद पर आये आफत के समय में मुस्तैदी से पार्टी को मजबूत करने में पसीना बहाए। उनकी इच्छा पर आघात पहुंचाने का कार्य किया गया है। बेतिया से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। उनको पार्टी का टिकट ही नहीं मिला।
एक दिन में राजद के 5 प्रत्याशी अलग-अलग मैदान उतरेंगे। ऐसा तीन बार होगा। अप्रैल माह में 17 और 25 को,इसके बाद 7 मई को। 4 प्रत्याशी 10 अप्रैल को मैदान फतह करने उतरेंगे। इसके 3 प्रत्याशी 24 अप्रैल को 12 मई को अलग-अलग क्षेत्र में उतरेंगे।
आलोक कुमार
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