
बिन्दटोली
में अगलगी से
प्रभावित 23 परिवारः
इस
जिले के पटना
सदर प्रखंडान्तर्गत नकटा
ग्राम पंचायत के
बिन्द टोली में
दिनांक 20 मार्च 2014 की रात 10.25 मिनट में
आग लग गयी।
खाना बनाते समय
उठी आग की
चपेट में आकर
झोपड़ियां धू - धू
कर जलने लगी।
आग की लपटें
इतनी तेज थी
कि देखते ही
देखते इसकी आगोश
में दर्जनों झोपड़ियां
राख में तब्दील
हो गयी।
इस
प्रत्याशित आग की
बिकरालता को रोकने
के लिए लोगों
ने मोटर पम्प
का सहारा लिए।
पाइप से गंगा
नदी का पानी
झोपड़ियों में डालने
लगे। कोई सवा
घंटेे के मशक्कत
करने के बाद
आग पर काबू
पाने में सफल
रहे। इस बीच
लोगों ने इसकी
सूचना दीघा थाना
और फायर बिग्रेड
को दी। रास्ता
संक्रीण होने के
कारण दमकल की
गाड़ियां बिन्द टोली तक
नहीं पहुंच सकी।
दरअसल बिन्द टोली
बन रहे दीघा
रेल पुल के
समीप है। इसके
कारण ही चारों
तरफ से बिन्ट
टोली को घेर
दिया गया है।
तटबंध और पाये
निर्माण होने से
आवागमन बाधित होने से
गाड़ी वहां नहीं
पहुंच सकती है।
बिन्द टोली के
लोगों ने सूची
जारी की है।
यहां पर आपदा
प्रबंधन विभाग के द्वारा
46 सौ रू . देकर
टरका दिया गया।
पाटलिपुत्र - दानापुर रेलखंड के
ऊपरी पुल के
नीचे
रामनवमी
के दिन 5 बजे
शाम में शॉट
सर्किट से आग
लगने से 25 घर
स्वाहा हो गया।
आग की लपटों
की चपेट में
आकर गाभिन बकरी
समेत 3 बकरी की
मौत हो गयी।
6 परिवार के टी . वी और
डी . वी . डी . राख को
हो गया। बाबलाल
बिन्द के 40 हजार
रू . खाक हो
गया। कुल मिलाकर
भवन निर्माण करने
वाले मजदूर रोड
पर आ गए
हैं।

5 साल
की निशा कुमारी
की हाल बेहालः
यहां पर 5 साल
की निशा कुमारी
हैं। इनके तीन
बहन और दो
भाई है। निशा
कुमारी को मुर्गी
की बीमारी हो
गयी है। इसके
कारण दीक्षा फाउंडेशन
में पड़ने वाली
निशा कुमारी का
नाम कट गया
है। शर्मिला देवी
कहती है कि
मेरी लाडली निशा
बहुत ही तेज
बुद्धि की है।
बीमार पड़ने के
बाद बुद्धि क्षीण
हो गयी है।
अभी यह हाल
है कि अगलगी
होने के कारण
दवा और पूर्जा
जलकर राख हो
गया है। वह
दवाई नहीं खा
रही है। इसका
मतलब यह है
कि मर्ज और
अधिक बढ़ जाएगी।
अगलगी से प्रभावितों
को मिले 42 सौ
रूपएः अग्नि पीड़ित
परिवारों को 42 सौ रूपए
मिले है। सभी
परिवार को नहीं
मिला है।

हड़ताली
मोड़ के समीप
रहने वाले 25 झोपड़ियां
राख में तब्दील
हो गया। मजदूर
परिवार की सुनीता
देवी ने कहा
कि वह अपनी
बेटी लक्ष्मी कुमारी
की शादी के
लिए समान की
तैयारी कर ली
थीं। वह भगवान
के लिए जायज
नहीं लगा। हमलोगों
की झोपड़ियों में
आग लगी। देखते
ही देखते बेटी
की अरमान आंसू
में बह गया।
आपदा प्रबंधन विभाग
के द्वारा 46 सौ
रू . और 50 किलोग्राम
चावल और उतने
ही गेहूं प्राप्त
हुआ। अभी झोपड़ी
तैयार कर रही
हैं। 10 रू . सैकड़ा
की दर पर
8 हजार रू . व्याज
पर लायी हैं।
ताकि बेहतर ढंग
से झोपड़ी बना
सके।
Alok
Kumar
No comments:
Post a Comment