Thursday 10 July 2014

विख्यात गांधीवादी नेता को देश-विदेश-प्रदेश में सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाने के लिए शांति पुरस्कार नहीं मिल सकता?




पटना। क्या केन्द्र सरकार भी विख्यात गांधीवादी नेता पी.व्ही.राजगोपाल को शांति पुरस्कार से विभूषित करने जा रही है। अगर ‘हां’ तो केन्द्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए। आप लोगों ने सही व्यक्ति का चयन किया है। जो सदैव देश-विदेश-प्रदेश में भ्रमण करके सत्य अहिंसा का पाठ पढ़ाया है। अभी जश्न आजादी का समय भी आने वाला है।
खैर, अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी ने वर्ष 2013 के लिए अनुव्रत अहिंसा अंतरर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार के लिए एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष और विख्यात गांधीवादी विचारक एवं अहिंसात्मक संघर्षकर्ता पी.व्ही.राजगोपाल जी को सम्मानित करने के लिए चयन किया है।
ब्ताते चले कि अहिंसा के क्षेत्र में अपनी लेखनी, भाषणों एवं अहिंसक गतिविधियों द्वारा सामाजिक सौष्ठम एवं अहिंसक समाज के निर्माण में विशिष्ट योगदान देने वाले किसी एक व्यक्ति को अनंुविभा प्रतिवर्ष यह पुरस्कार प्रदान करती है। पुरस्कार में एक लाख की राशि , प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है। वर्ष 2009 तक इस पुरस्कार को केवल तीन व्यक्तियों को ही नवाजा गया है। वर्ष 2010 से यह पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। वर्ष 2013 का  अणुव्रत अहिंसा अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष पी.व्ही.राजगोपाल को प्रदान किया जा रहा है।

आखिर क्यों चयन किया गया पी.व्ही. राजगोपाल कोः एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष पी.व्ही.राजगोपाल जी हैं। कुछेक लोगों में एक है जिनकी प्रेरणा से चम्बल घाटी के 500 डाकूओं ने शस्त्रों सहित समर्पण किया। सन् 1999-2000 से वे विभिन्न राज्यों में लम्बे कूच आयोजित करते रहे हैं। सन् 2007 में 25 हजार और सन् 2012 में उनके नेतृत्व में भूमि एवं आजीविका संसाधनों पर नियंत्रण की मांग को लेकर एक लाख लोगों ने दिल्ली की ओर कूच किया। देश-प्रदेश के सुदूर गांवों के लोगों के बीच में पहचान कायम करने में सफल हो चुके हैं। ये किसी की पहचान करवाने के मोहताज नहीं है। जल,जंगल,जमीन की जंग लड़ने वाले के रूप में प्रचलित हैं। भूमिहीन एवं गरीबों के मसीहा के रूप में भी राजगोपाल जी पहचाने जाते हैं। आज कई देशों में भी राजगोपाल जी उर्फ राजा जी के प्रशंसक फैले हुए हैं।
13 जुलाई को पुरस्कार वितरण समारोहः वर्ष 2013 का  अणुव्रत अहिंसा अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार का वितरण 13 जुलाई 2014 को 3 बजे से अध्यात्म साधना केन्द्र, नयी दिल्ली में होगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष राधा भट्ट हैं। इसमें भाग लेने के लिए ग्वालियर से एकता परिषद के कार्यकारी  अध्यक्ष रनसिंह परमार, एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी, बिहार से प्रस्थान कर चुके हैं। एकता परिषद के राष्ट्रीय संचालन समिति के सदस्य अनीस के, , निर्भय सिंह आदि उपस्थित रहेंगे।
आलोक कुमार

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