पटना।
अभी प्रगति ग्रामीण
विकास समिति के
संचालन समिति की सदस्य
सिंधु सिन्हा हैं।
इसके अलावे एकता
परिषद बिहार संचालन
समिति की भी
सदस्य हैं। अभी-अभी एकता
महिला मंच की
राष्ट्रीय संचालन समिति की
सदस्य चयनित की
गयी हैं। राष्ट्रीय
संचालन समिति की सदस्य
बनने पर एकता
परिषद बिहार परिवार
में हर्ष पसर
गया है।
गैर
सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण
विकास समिति के
प्रशासनिक कार्यालय 1985 में पटना
जिले में नौबतपुर
प्रखंड में खोला
गया। प्रारंभिक दौर
में संगठन, शिक्षा
और विकास पर
कार्य किया गया।
बिहार शिक्षा परियोजना
के तहत सिलाई-कटाई-पढ़ाई
केन्द्र खोला गया।
उसी केन्द्र में
14 साल की गवई
परिवेश में रहने
वाली सिंधु सिन्हा
का भी आगमन
हुआ। उसी केन्द्र
से सिंधु साक्षर
हुई। इसके बाद
स्कूली शिक्षा ग्रहण करने
चली गई। तीसरी कक्षा तक
स्कूली शिक्षा ग्रहण की
और बाद में
जाकर बिहार संस्कृत
शिक्षा परिषद से मध्यमा
की परीक्षा द्वितीय
श्रेणी से उर्त्तीण
हुई।
मध्य
प्रदेश के ग्वालियर
से एकता महिला
मंच की राष्ट्रीय
संचालन समिति में शिरकत
कर लौटी, राष्ट्रीय
संचालन समिति की सदस्य सिंधु
सिन्हा ने कहा
कि आप बस
समझ लीजिए कि
गांव की लड़की
ही थीं। जिसे
हर तरफ बंदिश
का सामना करना
पड़ा। नौबतपुर में
प्रगति ग्रामीण विकास समिति
के प्रशासनिक कार्यालय
खोला गया। इस
समिति के सचिव
प्रदीप प्रियदर्शी और सामाजिक
कार्यनेत्री पुष्पा लकड़ा का
अभारी हूं जो
इस योग्य बनाया।
इन दोनों के
मार्गदर्शन से ही
गांव की छोरी
आगे की ओर
बढ़ती ही चली
जा रही है।
बिहार
शिक्षा परियोजना के तहत
सिलाई-कटाई-पढ़ाई
केन्द्र में महिला
उत्प्रेरण के बारे
में विचार मंथन
किया जाता था।
उस समय दैनिक
पत्र आर्यावत, प्रदीप
आदि के अखबार
प्रकाशित होते थे।
पुष्पा दीदी अखबार
को पढ़कर समझाती थीं।
उसी समय से
महिला उत्प्रेरण के
खिलाफ मजबूती से
काम करने का
जज्बा उत्पन्न हुआ।
14 साल की सिंधु
सिन्हा ने 26 साल के
अंदर काफी परिपक्व
हो गयी हैं।
इस समय प्रगति
ग्रामीण विकास समिति के
संचालन समिति की सदस्य
हैं। एकता परिषद
बिहार संचालन समिति
की सदस्य हैं।
अभी-अभी एकता
महिला मंच की
राष्ट्रीय संचालन समिति की
सदस्य चयनित की
गयी हैं।
एक
सवाल के जवाब
में राष्ट्रीय संचालन
समिति की सदस्य
सिंधु सिन्हा ने
कहा कि नक्सल
प्रभावित क्षेत्र भोजपुर जिले
के चार प्रखंडों
में कार्य किया
जा रहा है।
विशेष तौर पर
सहार प्रखंड में
महिलाओं को बचत
समूह के माध्यम
से जोड़ा गया
है। बचत समूह
की महिलाओं ने
पट्टा पर खेत
लेकर सामूहिक खेती
करती हैं।जो आर्थिक
सशक्तिकरण की दिशा
में पहल है।
सहार प्रखंड की
तरह ही अन्य
प्रखंडों के 20 गांवों में
सामूहिक खेती शुरू
करने की योजना
है। फिलवक्त पाक
बागवानी से नक्सल
प्रभावित क्षेत्र की लाल
माटी पर लाल
टमाटर ऊपजाया जा
रहा है। सामूहिक
खेती और पाक
बागवानी को निकट
से निहारने के
लिए साल
2016 में 50 महिलाएं विदेश से
आ रही हैं।
जो भारत में
एकता परिषद के
द्वारा चलो गांव
की ओर और
आर्थिक सशक्तिकरण का जायजा
लेंगे। भोजपुर को मॉडल
के रूप में
विदेशियों के सामने
पेश किया जाएगा।
एकता महिला मंच
की राष्ट्रीय संचालन
समिति की कौर्डिनेटर
श्रद्धा कष्यप हैं। बिहार
से ग्वालियर गयी मंजू
डूंगडूंग, सिंधु सिन्हा, देवन्ती
देवी और मीना
देवी वापस आ
गयी हैं।
बताते
चले कि पैक्स
के सहयोग से
प्रगति ग्रामीण विकास समिति
के द्वारा गया,
जहानाबाद, नालंदा, दरभंगा, कटिहार,अररिया,बांका और
भोजपुर जिले में
भूमि अधिकार अभियान
और स्वास्थ्य को
लेकर कार्य किया
जाता है। भोजपुर
जिले की जिला
समन्वयक सिंधु सिन्हा हैं।
एकता परिषद बिहार
परिवार में हर्ष
व्यक्त करने वालों
में इन्दु देवी,
देवंती देवी, वीणा हेम्ब्रम,
अनिल पासवान, विजय
गौरेया आदि प्रमुख
हैं।
आलोक
कुमार
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