गया।
पैक्स ने
प्रगति ग्रामीण
विकास समिति
को सहयोग
दिया। समिति
के द्वारा
16 प्रखंडों में दो दिवसीय कैडर
प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। इसमें
कुल 899 कैडरों
ने हिस्सा
लिए। इसमें
अधिकांश महिलाएं
थीं।
कला
सांस्कृतिक मंच के द्वारा जय
जगत नामक
गीत से
दो दिवसीय
प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया
गया। इस
अवसर पर
भूमि अधिकार ,
स्वास्थ्य , मनरेगा , राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा
योजना , जननी
सुरक्षा योजना
आदि पर
विस्तार से
चर्चा की
गयी।
भूमि
के बिना
मनुष्यों का
मान - सम्मान
और पहचान
नहीं है।
इसके आलोक
में भूमि
रहना अनिवार्य
है। बिहार
में भूमि
को विभिन्न
नाम से
जाना जाता
है। भूदान
भूमि , गैर
मजरूआ
भूमि , आम गैर मजरूआ भूमि ,
मालिक गैर
मजरूआ भूमि ,
मठ - मंदिर
की भूमि ,
चरागाह भूमि ,
चिरारी की
भूमि , बेचिरागी
भूमि , सैरात
की भूमि , भू हदबंदी
भूमि , रैयती
भूमि , वन
भूमि , आवासीय
भूमि , श्मशान
भूमि , खेल
भूमि , लगानी
और बेलगानी
भूमि आदि
है। इन
सब भूमि
पर अनेकों
समस्याएं बरकरार
है। सरकार
के द्वारा
वितरित भूमि
पर कब्जा
नहीं , काबिज
भूमि पर
पट्टा नहीं ,
दाखिल खारिज
नहीं , अनेक
के नाम
से परवाना
वितरण , वासगीत
भूमि का
पर्चा नहीं
होना। वासभूमि
का अन्य
का स्वामित्व
होना।
महात्मा
गंाधी नरेगा
से संबंधित
सवाल उछाला
गया। मनरेगा
में काम
पाने का
हक किसे
है ? एक
वर्ष में
मनरेगा श्रमिकों
को कितने
दिनों का
रोजगार मिलेगा ?
श्रमिकों को
काम कैसे
मिलेगा ? काम
किधर उपलब्ध
कराया जाएगा ?
बेरोजगारी भत्ता किसको और कब
मिलेगा ? बेरोजगारी
भत्ता कितना
मिलता है ?
एक बार
में मनरेगा
के तहत
कितने दिनों
का काम
मांगा जा
सकता है ?
मजदूरी कितनों
दिनों के
अंदर मिलना
है ? काम
के लिए
आवेदन किसको
देना है ?
कार्य स्थल
पर श्रमिकों
को क्या - क्या सुविधा
उपलब्ध करायी
जाती है ?
मनरेगा पर
दलीय चर्चा
की गयी।
चर्चा करने
के बाद
कैडर प्रस्तुति
किए। उनलोगों
को काफी
कम मनरेगा
संबंधी जानकारी
है।
राष्ट्रीय
स्वास्थ्य बीमा योजना , संस्थागत प्रसव ,
जननी सुरक्षा
योजना , सामाजिक
सुरक्षा पेंशन ,
कबीर अंत्येष्ठि
योजना , मुख्यमंत्री
परिवार लाभ
योजना , खाघ
सुरक्षा अधिनियम ,
आंगनबाड़ी केन्द्र ,
शिक्षा का
अधिकार , मध्याह्न
भोजन , असंठित
मजदूरों का
बीमा योजना ,
सूचना का
अधिकार , घरेलू
हिंसा आदि
पर जोरदार
ढंग से
पाठ पढ़ाया
गया। इसमें
जन आधारित
संगठन के
सदस्यों ने
भी हिस्सा
लिए।
नालंदा जिला समन्वयक चन्द्रशेखर , दरभंगा
जिला समन्वयक
बी . के . सिंह , जहानाबाद
जिला समन्वयक
नागेन्द्र कुमार , कटिहार जिला समन्वयक
बाबूलाल चौहान , गया जिला
समन्वयक अनिल
पासवान , अररिया
जिला समन्वयक
विजय गौरेया ,
भोजपुल जिला
समन्वयक सिंधु
सिन्हा और
बांका जिला
समन्वयक वीणा
हेम्ब्रम ने
संयुक्त रूप
से कहा
कि इस
प्रशिक्षिण शिविर में आए कैडरों
को जन
अधिकार और
जन आवाज
बुलंद करने
की जानकारी
दी गयी।
Alok
Kumar
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