Saturday 4 October 2014

प्रशासनिक लापरवाही की भगदड़ से 33 लोगों की मौत



                        पीएमसीएच के आई.सी.यू. में 4 और वार्ड में 22 लोग भर्त्ती

पटना। ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण वध देखने लाखों की संख्या में उपस्थिति.....। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मुख्यअतिथि को खातिरदारी करने में प्रशासन.....। 9 गेट में 5 गेट बंद.......। 2 गेट वीआईपी और 2 गेट लोगों के लिए ........। भीड़ को रोक दी गयी.......। जब मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिला बाहर निकला........। गेट से निकलने वालों की संख्या अधिक......। एक महिला चित्कार मारकर कहती हैं कि पुलिस के द्वारा लाठी चार्ज नहीं करने से ...........। बिजली के तार गिरने की अफवाह......। पुलिस के रामगुलाम चौक पर घुप अंधेरा का साम्राज्य......। एक बच्चे के गिर जाने के बाद.......। जो गिरे तो फिर से उठे नहीं......। समय 6 बजकर 45 मिनट......। 7 बजकर 15 मिनट पर एम्बुलेंस आने का सिलसिला...............। 9 बजे रात कर सैकड़ों की संख्या में घायलों को पीएमसीएच पहुंचाया गया....। नवीनतम जानकारी के अनुसार 33 लोगों की अकाल मौत हो गयी.....। इसमें 20 महिलाएं, 7 लड़कियां, 4 लड़के और 2 बच्ची हैं....। 28 लोगों की पहचान कर परिजनों को शव सौंप दिया गया......। 5 लोगों की पहचान नहीं हो सकी...........। अभी आईसीयू में 4 लोग भर्त्ती.....। 1 की हालत गंभीर.....। सामान्य तौर से घायल 22 लोगों का इलाज जारी.....।

यह बिहार है। यहां पर घटनों से सीख नहीं ली जाती है। महापर्व छठ के अवसर पर 2012 में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गयी। भावी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आम सभा के अवसर पर 2013 में बम विस्फोट कर दी गयी। इसमें 80 लोग घायल हो गए। अब रावण वध देखने और मेला का लुफ्त उठाने आने वाले 33 लोगों की मौत हो गयी। सैकड़ों लोग घायल हो गए। मेला देखने वालों के मुहल्लों में मातम पसर गया है।

रावण वध में शिरकत करने के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया चले गए। पटना से 125 किलोमीटर तय करके गया स्थित महकार गांव में स्थित घर में 10 बजे रात तक थे। जानकारी मिलने के बाद पटना लौटे। डेढ़ बजे रात में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पीएमसीएच में जाकर घायलों से मिले। मृतकों को तीन लाख रू. और घायलों को 50 हजार रू. देने की घोषणा किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मृतकों को 2 लाख रू. मुआवजा की घोषणा किए हैं। आपदा प्रबंधन की ओर से मृतकों को 1.50 लाख रू.की घोषणा की गयी है। स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह भी सासाराम चले गए। 15 घंटे के बाद पीएमसीएच गए। आननफानन में 12 बजकर 22 मिनट में विजय चौधरी नामक मंत्री पीसी करते हैं। वस्तुस्थिति से मीडिया को अवगत कराते हैं। अस्पताल के अंदर मीडिया को जाने नहीं दिया जा रहा है। आनेजाने वाले नेताओं के द्वारा घायलों की स्थिति की जानकारी मिल पा रही है। अधिकारिक तौर पर अस्पताल के द्वारा मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया जा रहा है।

परेशान लोगों का आलम यह है कि एक पैर अस्पताल में दूसरे पैर पोस्टमार्टम रूम की ओर बढ़ा रहे हैं। कभी यहां तो कभी वहां जाकर रिश्तेदारों को खोज रहे हैं। पोस्टमार्टम रूप के पास दर्जनों की संख्या में लोग उपस्थित हैं। रातभर सुबह की इंतजारी करने वाले लोग आंख मलते ही पोस्टमार्टम रूम के पास आ गए। रूम में 10 बजे तक ताला जकड़ा हुआ था। कोई बेटी को, कोई मां को, कोई बेटा को, कोई पिता की खोज कर रहे हैं। पप्पू महतो चार बच्चों के साथ बैठे हैं। उनकी पत्नी को प्रशासनिक लापरवाही ने लील लिया है। यह देखे कि जिस प्रशासनिक अधिकारी को व्यवस्था देखने चाहिए थी। वह अधिकारी बेटे के हैप्पी बर्थ डे मनाने में व्यस्त था। उनके पास नेता और अन्य अधिकारी हैप्पी बर्थ डे का केक का लुफ्त उठा रहे थे।

आलोक कुमार

No comments: