पटना। दीघा बिन्द टोली में स्व0 किशुन महतो के पुत्र किशोरी महतो स्वस्थ थे। दीघा बिन्द टोली से विस्थापित होकर 6 जनवरी,2016 को कुर्जी बिन्द टोली में पुनर्वासित किये गये। उसी समय से अस्वस्थ होने लगे। उनको पीलिया रोग के साथ लीवर खराब हो गया था। कुछ दिनों के बाद 6 फरवरी को चांद मेमोरियल हॉस्पीटल में भर्त्ती कराये गये थे। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परिजनों ने ऑन रिक्वेस्ट कर 10 फरवरी को हॉस्पीटल से छुट्टी ले लिये। चिकित्सक मनोज कुमार थे। घर आने के कुछ दिनों के बाद 17 फरवरी को अंतिम सांस लेने लगे। जो संध्या 7 बजे अंतिम सांस लिये। वे 75 साल के थे।
हां, देखते ही देखते पीलिया और लीवर की बीमारी की चपेट में पड़ किशोरी महतो चले गये। अपने पीछे 5 लड़कियों और 3 लड़कों में 5 लड़कियां और 1 लड़के को छोड़ गये। जलेश्वर महतो 7 साल और सुरेश महतो 1साल पहले परलोक सिधार गये हैं। जलेश्वर की विधवा गजपति देवी और सुरेश की विधवा कुसुम देवी हैं। दोनों को लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिलती है। अपने पीछे स्व0 किशुन महतो के है तीन पुत्रों में किशोरी महतो का निधन हो गया। अभी गोपाल महतो और मिश्री महतो जीर्वित हैं।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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