Sunday 5 October 2014

अब राजनीतिज्ञों के द्वारा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से




इस्तीफा मांगने का सिलसिला शुरू

मुख्यमंत्री ने एक टूक कहा कि इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं

गया। प्रशासनिक लापरवाही होने के कारण 33 लोगों की जान चली गयी। अब भी पीएमसीएच में घायल 30 लोगों का इलाज चल रहा हैं। इन घायलों का कुशलक्षेम जानने पहुंचे राजनीतिज्ञों के द्वारा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से इस्तीफा देने की मांग करने लगे हैं।  इन राजनीतिज्ञों के द्वारा इस्तीफा की मांग पर मुख्यमंत्री ने एक टूक जवाब देकर कहा कि इस पर इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है। 

ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण वध देखने 5 लाख से अधिक लोगों की उपस्थितिः प्रत्येक साल की तरह ही ऐतिहासिक गांधी मैदान में रावण वध देखने रामभक्त आए थे। इस अवसर पर सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मुख्य अतिथि थे। इनको और अन्य वीवीआईपी लोगों की खातिरदारी करने में प्रशासन जूट गए। व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए गांधी मैदान के 9 गेट में से 5 गेट बंद को बंद रखा गया। केवल 4 गेट ही खोल रखा गया। उसमें 2 गेट वीवीआईपी और 2 गेट को आम लोगों के लिए खोल रखा गया।रावण वध होने के बाद जबतक मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का काफिला बाहर नहीं निकला, तबतक गेट से लोगों को बाहर नहीं निकलने दिया गया। जब काफिला बाहर निकल गया। तब लोग रामगुलाम चौक से बाहर निकलने लगे। अंधेरा का राज था। गेट पर गड्ढा भी था। किसी ने अफवाह उड़ाया कि बिजली के तार गिरने से आघात होकर छटपटा रहे हैं। बस यह अफवाह के चलते जो गिरे तो फिर उठे ही । 

बस मेले देखने आने वाले लोगों के मुहल्ले में मातम छा गयाः जब बच्चे और महिलाएं गिरने लगी।जो गिरे तो फिर से उठे ही नहीं।उस समय शाम के 6 बजकर 45 मिनट हुई थी। इसके बाद 7 बजकर 15 मिनट पर एम्बुलेंस आने का सिलसिला शुरू हुआ। जो रात 9 बजे तक चली। कोई बेटी को, कोई मां को, कोई बेटा को, कोई पिता की खोज करने लगे। 33 लोगों की अकाल मौत हो गयी.....। इसमें 20 महिलाएं, 7 लड़कियां, 4 लड़के और 2 बच्ची हैं....। 30 लोगों की पहचान कर परिजनों को शव सौंप दिया गया। 2 महिलाओं की पहचान नहीं हो सकी। अभी आईसीयू में 4 लोग भर्त्ती हैं और उनमें 1 की हालत गंभीर है।  कुल मिलाकर 30 घायलों का इलाज चल रहा है। 

पूर्व मंत्री डा. प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग कर दीः बीजेपी से पूर्व मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सत्ता में रहने का अधिकार खो दी है। राजधानी में 2012 में महापर्व छठ के अवसर पर दर्जनों व्रततियों की मौत हो गयी। इस हादसे की रिपोर्ट अप्राप्त है। फिर 2013 में गया और पटना में आंतकवादियों ने आंतक मचाया। अभी रावण वध के अवसर पर प्रशासनिक लापरवाही की भगदड़ में 33 रामभक्तो की अकाल मौत हो गयी। कई दर्जन घायल होकर इलाज करवा रहे हैं। अभी गया में रावण वध किया गया। इसमें करीब सवा लाख रामभक्त उपस्थित हुए। उनलोगों ने 25 मिनटों के अंदर मैदान खाली कर दिए। किसी प्रकार का बवाल नहीं हुआ। वहीं जो सरकार कार्य करवा रही है। उसमें अनर्थ हो रहा है। साबित होता है कि भव्य और बड़े आयोजन सरकार और उनके नौकरशाहों के बूते ही बात नहीं है। असफल और अक्षम सरकार है। श्री कुमार ने साफ तौर पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से इस्तीफा मांगा है।
बीजेपी में विक्षुब्ध चल रहे बतौर भावी मुख्यमंत्री की हैसियत में डा. प्रेम कुमार ने कहा कि खुद मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। सही ढंग से होम वर्क करेंगे और नौकरशाहों से भी होम र्वक करवाएंगे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री सत्यदेव नारायण आर्य भी सरकार की विफलता पर रोशनी डाला। 

आलोक कुमार

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