महादलित महिलाएं सूर्य उदय के पहले और सूर्यास्त के बाद ही बाहर जा सकती
पटना। आज भी महादलित मुसहर समुदाय के लोग खुले आकाश में शौचक्रिया करने को बाध्य हैं। वहीं महादलित महिलाएं की स्थिति गंभीर हैं। उनको तड़के उठकर सूर्य उदय के पहले ही शौचक्रिया करती हैं। अगर इस अवधि में महिलाएं शौचक्रिया से निपूर्ण नहीं होती हैं तो उनको सूर्यास्त तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसा करने से उदर की बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं।

आज शबरी कॉलोनी,दीघा मुसहरी के महबूब मांझी शौचक्रिया करने जा रहे थे। करीब 1 बजे
महबूब
मांझी
हाथ
में
डब्बा
लेकर
जा
रहे
थे।
वह
जरूर
ही
चप्पल
पहने
थे।
वह
मोती
साव
के
मैदान
में
जाकर
शौचक्रिया
करने
लगे।
शौचक्रिया
करने
के
बाद
मिट्टी
से
हाथ
साफ
किए।
जो
खानापूर्त्ति
करने
वाला
ही
था।
उसी
हाथ
से
डब्बा
को
भी
साफ
कर
दिए।
तब यह सवाल उठता है कि कहां सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के लोग चले गए हैं। तो लोगों को शिक्षित नहीं कर पाए रहे हैं और शौचालय निर्माण करवाने की कवायद नहीं कर रहे हैं। महादलित महिलाओं की मांग होती है कि झोपड़ी के बदले में मकान बना दिया जाए। शौचालय भी निर्माण कराया जाए। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनके अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत हैं। सभी मुसहरी में गहन रूप से काम करने की जरूरत है।
आलोक कुमार
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