Friday 31 October 2014

मुख्य मार्ग पर बन रहे मंदिर को पुलिस ने रोका


संजीवन निवास के सामने बन रहा था मंदिर



जब बीयूटीएसएल की आड़ में भी सफल नहीं हो सका


पटना। रिंग बस को निश्चित जगह पर ही रोका जाएगा। बीयूटीएसएल के द्वारा शेडनिर्माण कराया जा रहा है। इसके द्वारा संजीवन निवास के समाने बस स्टॉप स्टैण्ड बनाया गया है।  इस निर्माण पर विरोध नहीं हुआ। इसी बस स्टॉप स्टैण्ड के बगल में लिंगस्थापित है। लगे हाथ लिंगको भी घेरने का प्रयास होने लगा। मगर लोगों को मुंह की खानी पड़ गयी।

जब बुनियाद डालने के बाद चहारदीवारी बन ही नहीं सकीः कई वर्षों से दानापुर-दीघा-बांसघाट मुख्य मार्ग के संजीवन निवास के सामने लिंगस्थापित है। इसके बगल में शौचालय निर्माण किया गया। चापाकल भी लगाया गया। शौचालय को तोड़ दिया गया। मगर चापाकल आबाद है। अभी बीयूटीएसएल के द्वारा बस स्टॉप स्टैण्ड बनाया गया है। इसी अविध में लिंग की चहारदीवार करने के लिए बुनियाद डाल दी गयी। बुनियाद डाल दी गयी परन्तु चहारदीवारी बन नहीं सकी।

लिंग के बगल में ही घर का कूड़ा फेंका जाता हैः लिंग के बगल में ही लोग घर से कूड़ा निकालकर फेंकते हैं। इस कूड़ों के ढेर पर आहार तलाशने सुअर,कुत्ते,गाय, भैंस आदि जाते हैं। आहार ग्रहण करने के बाद थुथून मारने लिंग के पास जाते हैं। देह में उत्पन्न खुजली को खजुलाने के लिए गाय लिंग का सहारा लेते हैं। जानवरों के द्वारा थुथून मारना और देह की खुजली को खजुलाने का कार्य करने से श्रद्धालुओं को कष्ट होने लगता है। बस इसके आलोक में लिंग की चहारदीवारी करने का निश्चय किया गया। इसको अंजाम देने की तैयारी हो गयी। चार कोनों में बुनियाद तैयार कर ली गयी। बुनियाद में छड़ डालकर ढलाई कर दी गयी। कुछ दिनों तक पानी पटवन का कार्य किया गया। ताकि बुनियाद मजबूत हो सके।

तरूमित्र नामक पर्यावरण संस्था के द्वारा बागवान तैयार किया जाताः छात्रों की संस्था तरूमित्र के द्वारा बागवान तैयार किया जाता था। इसका मतलब था कि मिशनरी संस्थाओं के आगे हरियाली कायम किया जा सके। इसके साथ किसी भगवान की प्रतिमा स्थापित कर मंदिर बनाया जाए। इसके बावजूद भी संजीवन निवास के सामने लिंगस्थापित कर दिया गया। प्रशासन के द्वारा सड़क चौड़ीकरण करने के नाम पर बागवान को नष्ट कर दिया गया। मगर प्रशासन ने स्थापित लिंग को नहीं हटाया। इसका नतीजा सामने है। लिंग के चारों तरफ चहारदीवारी करने का प्रयास किया गया।

जब इसकी सूचना दीघा थाने को दी गयीः विरोध में सूचना मिलते ही दीघा थाने की पुलिसकर्मी सक्रिय हो गयी। पुलिसकर्मी तत्काल मौके पर पहुचकर हो रहे काम को बंद करवा दिए। बुनियाद से निकले छड़ को काट लिया गया। इसी छड़ से पायाऔर दीवारी निमार्ण करना था। इसको लेकर लोगों में आक्रोश है। वहीं जनहित में पुलिस के द्वारा बेहतर कार्य किया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय का संस्थान है। इसी राह से उपासना करने अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आते-जाते हैं। अनावश्यक तनाव होते रहता?

सड़क चौड़ीकरण करने के नाम पर अवैध अतिक्रमणः जब प्रशासन के द्वारा सड़क चौड़ीकरण करने के नाम पर अवैध अतिक्रमण को हटाया जाता है। तो प्रशासन का फर्ज भी बनता है। किसी तरह का अतिक्रमण हो सके। अगर आज लिंगसे जुड़े कार्य निर्माण पर रोक नहीं लगाया जाता। कल प्रशासन के लिए ही निर्माण कार्य सिर दर्द बन जाता। वैसे भी सार्वजनिक स्थानों पर निर्माण कार्य अवैध माना जाता है। अगर निर्माण करना है। तब रैयती जमीन पर भव्य मंदिर बनाया जाए। इस पर किसी का विरोध नहीं होगा।

आलोक कुमार


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