जब फरिश्ता के रूप में नन्हीं बालिका आकर भोजन दे गयीं
पटना। दीघा में आई.टी.आई.है। आई.टी.आई. के परिसर में महिला प्रशिक्षण संस्थान बनाया गया है। इसके सामने अल्पसंख्यक जोसेफ एलियास पड़ा हुआ है। इसकी हालत को समझा जा सकता है। उस समय आश्चर्य लगा,जब अल्लाह की फरिश्ता बनकर मुस्लिम बालिका आकर भोजन देकर चली गयीं। आफत के समय में क्रिश्चियन समुदाय को दिखाया जाता है। मेरे पास सेवा केन्द्र,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,नीचे से ऊपर तक व्यवस्थित शिक्षण संस्थान है। हम निःस्वार्थ सेवा करते हैं। यह सेवा फिलवक्त जोसेफ एलियास के लिए उपलब्ध नहीं है। यह सात संस्कार देने के लिए पादरी पहुंच जाएंगे। मगर भोजन देने के लिए नहीं आएंगे। इस समय कोई मदर टेरेसा भी नहीं बनना चाहते हैं। आखिर क्यों सेवा की जाए। वैसे ही सरकार के द्वारा आयोगों,निगम,कमिटी,योजना के सदस्य बना ही दिया जाता है। कारण कि स्कूलों में बच्चों को नामांकन करवाना पड़ता है।
आलोक कुमार
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