Wednesday 22 October 2014

माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश को सामान्य बनाने में तुले


पटना। यह सब कुछ ही दिनों तक ही चलता है। माननीय पटना उच्च न्यायालय ने आदेश दिए। इसे जिला प्रशासन ने लागू किया। इसे हम पशु पालकों ने शिरोधार्य किए। इसके बाद हमलोग न्यायालय में गए। वहां से आदेश मिला है। वैकल्पिक व्यवस्था करने के बाद ही खटाल को हटाया जाए। इसके आलोक में पुनः खटाल खोलने लगे हैं।
रेलवे लाइन के किनारे खटालः पटना-दीघा रेलखंड के किनारे पशु पालक खटाल खोल लिए हैं। रेलवे ट्रैक पर ही पशु बांधते हैं। जब रेलगाड़ी का आनेजाने का समय होता है। तो पशु को खोलकर अन्यत्र बांध देते हैं। फिर भी रेलगाड़ी के चालक के द्वारा सीटी बजाकर ही आनाजाना करना पड़ता है। ऐसा करने से आदमी और पशु सचेत हो जाते हैं।
माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश का क्या हुआः यह सवाल उठता है कि जिस हालात को समझते हुए माननीय पटना उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया था। क्या वह हालात सामान्य हो गया है। वह तो जानकार व्यक्ति ही बता सकते हैं। हां, इतना जरूर है कि पशु पालक जानते हैं कि क्यों प्रतिबंध लगाया गया था। उसे पालन करने से आदेश देने की नौबत नहीं आएंगी। अगर यह ख्याल कर लिया जाए तो समस्याओं का अंत सरलता से किया जा सकता है।
आलोक कुमार



No comments: