Wednesday 15 October 2014

पटना के गांधी मैदान के बाद समस्तीपुर के पटेल मैदान में भी लापरवाही



जब हाथी मेरे साथीनामक फिल्म में हाथी की भूमिका में पुलिसकर्मी गए

मुख्यमंत्री जी ने किए पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व.बलिराम भगत की प्रतिमा का अनावरण

पटना। फिल्म हाथी मेरे साथीमें राजेश खन्ना की मोटर गाड़ी बंद हो गयी। तब अभिनेता राजेश खन्ना ने गीत गाने लगे। यह गीत उस समय बहुत ही महशूर था। मेरे साथी मेरे हाथी..... चले यार धक्का मार बंद है मोटरकार..... इस गाने से प्रेरित होकर तब हाथी ने मोटरकार को धक्का मारने लगा। आज लगभग हाथी मेरे साथीका दृश्य देखने को मिला। सूबे के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को समस्तीपुर जाना था। हेलिकॉप्टर से गए थे। जहां बिना अधिकारियों ने हेलिकॉप्टर को उतारने के लिए हेलिपेड बनाए थे। वहां जगह हेलिकॉप्टर को उतारने लायक चालक ने उपयुक्त नहीं समझा। इसके बाद चालक ने पटेल मैदान में ही उतारने में सफल हुआ।

एक बार फिर अधिकारियों की नासमझी उजागरः ऐतिहासिक गांधी मैदान, पटना की प्रशासनिक लापरवाही की सीख अधिकारी नहीं ले रहे हैं। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सुरक्षित लैंड भी करवाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं। इन अधिकारियों को देखे कि इन लोगों ने मिलकर हेलिकॉप्टर को उतारने लायक जगह का भी चयन नहीं कर सके। अधिकारियों ने वहां पर हेलिपेड बना दिए। जहां पर तार और खंभा था। इसको देखकर हेलिकॉप्टर के चालक आसमान में ही चक्कर लगाने लगे। अंतः चालक ने स्वविवेक से पटेल मैदान में ही लैंड कर दिया। मुख्यमंत्री तो वहां से कार्यक्रम स्थल के लिए निकल गए पर हुदहुद के असर ने बिहार सरकार के सरकारी हेलिकॉप्टर को हुदहुदा दिया।

कुछ देर के लिए ही सही झमाझम बारिश और गिली मिट्टी में हैलिकाप्टर का चक्का फंस गया। इसके बाद तो वहां मौजूद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। बाद में इस हेलिकॉप्टर को किसी तरह घक्का देकर पानी और कीचड़ से बाहर निकाला गया।

इसके बाद दिल के धड़कन तेज हो जाने वाले अधिकारियों ने अमन महसूस किए।
हुदहुद की बारिस से पटेल मैदान कीचड़ हो गयाः उपयुक्त जगह पर हेलिकॉप्टर को चालक नहीं उतार पाया। तब उसने कीचड़युक्त पटेल मैदान में उतार दिया। इसके कारण हेलिकॉप्टर कीचड़ में फंस गया। तब खाकी वर्दीधारियों ने हेलिकॉप्टर को धक्का मारकर कीचड़ में से निकाल पाने में कामयाब हो गए। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे समस्तीपुर जिले के अधिकारी जवाब दे पाएंगे। आखिर क्यों अतिविशिष्टि व्यक्ति के साथ हादसा हुआ। आखिकर कब अधिकारी सीखेंगे! इससे सीख लेकर अधिकारी भविष्य में सोच समझकर कार्यक्रम बनाएं।


आलोक कुमार

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