Monday 3 November 2014

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने की कल्पना और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया साकार


पूर्व कृषि मंत्री रेणु कुशवाहा का योगदान को नकारा नहीं जा सकता

गया। सूबे के 38 जिलों के 8464 पंचायतों में 7 हजार पंचायतों में किसान सलाहकार नियुक्त हैं। इनको 10 माह से मानदेय नहीं मिल रहा है। बिहार प्रदेश किसान सलाहकार संघ आंदोलन के मूड में हैं। आसन्न चुनाव 2015 के मद्देनजर संविदा के आधार पर मानदेय लेकर कार्य करने वाले आंदोलन कर चुके हैं।चुनाव वक्त आते-आते राज्यकर्मी भी आंदोलन में कूदेंगे?

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने की कल्पना और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया साकारः पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बिहार-झारखंड विभागजन 15 नवम्बर,2000 के बाद चिन्तित होने लगी। चिन्तित होना स्वाभाविक था। तमाम खनिज खादान झारखंड प्रदेश में चला गया। बिहार में सिर्फ कृषि योग्य भूमि ही बच गयी। सो पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कल्पना की। क्यों न कृषि योग्य भूमि को बेहतर अंजाम देने के लिए किसान सलाहकारों को नियुक्त कर लिया जाए। इस बीच सत्ता परिवर्तन होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उक्त कल्पना को कैच कर लिए। 2010 में पूर्व कृषि मंत्री रेणु कुशवाहा के सहयोग से कल्पना को साकार कर दिया गया। 

जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में नियुक्तिः जिला कृषि कार्यालय को नियोजन ईकाई बनाया गया। जिला कृषि पदाधिकारी, परियोजना पदाधिकारी आत्मा’,कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक और एक प्रगतिशील किसान को नियोजन समिति में रखा गया। जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में नियोजन समिति की बैठक की गयी। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आई.एस.सी और आई.एस.सी.ए.जी. रखी गयी। 2010 में बहाली के बाद मानदेय 2 हजार 500 सौ रूपए तय किया गया। 2013 में इजाफा करके 5 हजार रू. और अप्रैल,2014 में 6 हजार रू. कर दिया गया। 

क्या कार्य करते हैं किसान सलाहकारः बिहार सरकार के कृषि विभाग के द्वारा संचालित श्री विधि योजना,शंकर धान योजना,बीज ग्राम योजना,मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना,कृषि यांत्रिकीकरण योजना,हरित चादर योजना के तहत मूंग एवं ठैंचा बीज वितरण करना। तमाम रबी फसलों जैसे दलहन व तेलहन बीज वितरण करना। लाभुकों का चयन कर सूची तैयार करना। प्लॉट का चयन कर कलस्टर बनाना, फार्म भरवाना, बीज कीट उपलब्ध कराना, चेक उपलब्ध कराना, बिचड़ा आच्छादन कराना, समुचित कीट प्रबंधन कराने के अलावे धान क्रय केन्द्र पर धान क्रय कराना, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति का मुआयना करना, फसल कटनी कराकर उत्पादन प्रतिवेदन देना, किसानों के खेतों से मिट्टी का नमूना लेकर जांच प्रयोगशाला तक पहुंचाना, प्रतिदिन पंचायत क्षेत्र का भ्रमण करना तथा पूर्वाह्न दस बजे से दो बजे तक सलाहकार केन्द्र पर किसान सलाहकार पूर्णतः जिम्मेवारी पूर्वक कार्य करते हैं।

बिहार सरकार को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार दिलाने का श्रेय किसान सलाहकारों कोः न्यू एरिया बेलदारी टोला, गया में रहने वाले गया जिलाध्यक्ष रंजन कुमार गौतम कहते हैं कि कृषि विभाग के द्वारा मार्गदर्शिका का हवाला देकर किसान सलाहकारों के महत्वपूर्ण कार्यों को गलत ढंग से मूल्यांकन किया जाता है और हमारे द्वारा किए जा रहे कार्यों को नजर अंदाज कर समीक्षा की जाती है। जो सरासर गलत और अन्याय है। श्री गौतम ने कृषि विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि किसान सलाहकारों से संबंधित तमाम योजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारकर कृषि विभाग ने बिहार सरकार को दो बार कृषि कर्मण पुरस्कार दिलाने का श्रेय प्राप्त किया है। यह पुरस्कार दिलवाने का श्रेय किसान सलाहकारों को जाता है। इस समय कृषि विभाग के द्वारा जमकर उपेक्षा की जा रही है।


आलोक कुमार

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