Thursday 27 November 2014

बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन का आमरण अनशन जारी

Sanjay Kumar Sharma 
10 नवम्बर से आमरण अनशन करने को मजबूर संजय कुमार शर्मा

अस्वस्थ्य होने पर अस्पताल जाते और लौटकर आने बाद अनशन शुरू

आखिरकार कब तक नौकरशाहों की नजरियां बदलेगी?
नियुक्ति के 29 साल और माननीय न्यायालय के निर्गत आदेश के
15 साल के बाद भी आदेश को अलम नहीं
पटना। इन दिनों साधारण आय वाले लोगों को मुश्किल हो रहा है। ऐसे लोग किसी तरह से पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर पाते हैं। माननीय न्यायालय के द्वारा निर्गत आदेश को सरकार और नौकरशाह लागू ही नहीं करते हैं। इसका भुक्तभोगी बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी हो रहे हैं। पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका 7543/1999 के आदेश में जिला स्तर पर जिलाधिकारी और राज्य स्तर पर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को अधिकृत किया कि जिला और राज्य में रिक्त चतुर्थवर्गीय पदों पर 1585 कर्मियों का समायोजन कर दें। जो आजतक नहीं हुआ।

बिहार सरकार के नौकरशाह न जन प्रतिनिधियों, न ही विद्वान अधिवक्ता और न ही पत्रकारों को सुनते और न ही समझते हैं। इसको लेकर जनतंत्र के चार में से तीन स्तंभ परेशान हैं। दरभंगा में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी विधायकों के साथ बैठक की थी। बैठक में जन प्रतिनिधियों ने नौकरशाहों को बेलगाम कार्य पद्धति पर सवाल उछाला था। इसको मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। नौकरशाहों को फुल रिसपेक्ट और कार्य निष्पादन करने पर बल दिया।

आखिरकार कब तक नौकरशाहों की नजरियां बदलेगी? नियुक्ति के 29 साल और माननीय न्यायालय के निर्गत आदेश के 15 साल के बाद भी आदेश को अलम करने से बाज आ रहे हैं नौकरशाह । इसको लेकर बिहार मौसमी डी.डी.टी.छिड़काव कर्मचारी यूनियन के बैनर तले बेमियादी आमरण अनशन 10 नवम्बर से पटना के जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आमरण अनशन शुरू किया गया। पटना उच्च न्यायालय ने पटना जिले के जिलाधिकारी को अधिकृत किया है कि पटना जिले में कार्यरत श्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यकर्ता और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को रिक्त चतुर्थवर्गीय पद पर समायोजन कर कर लें। जो 15 साल के बाद भी क्रियान्वित नहीं किया गया। इसके बाद अधिकारियों ने कार्यालय परिसर से हटकर कारगिल चौक पर आंदोलन जारी रखने का सुझाव दिए।

अनशनकारी संजय कुमार शर्मा कहते हैं कि 2 फरवरी 1991 में बहाल हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत 1985 में मलेरिया और कालाजार विभाग के द्वारा 1585 लोगों को बहाल किया गया। दो तरह के कार्यकर्ताओं को बहाल किया गया। श्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यकर्ता और क्षेत्रीय कार्यकर्ता। स्थायीकरण और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर 1999 में जनहित याचिका माननीय पटना उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया। माननीय न्यायालय ने वाद संख्या 7543/1999 के माध्यम से 1585 को चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में रिक्त पदों पर समायोजन कर लेने आदेश दिया। जिला स्तर पर जिलाधिकारी और राज्य स्तर पर मुख्य मलेरिया पदाधिकारी को बहाल करने को अधिकृत किया गया।

पटना जिले में नौबतपुर प्रखंड में संजय कुमार शर्मा रहते हैं। इनके दो बच्चे हैं। प्रियंका कुमारी आईएससी और राहुल कुमार मैट्रिक में अध्ययनरत हैं। स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत मलेरिया और कालाजार विभाग में श्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यकर्ता के पद पर 2 फरवरी 1991 में बहाल हुए थे। 1991 में श्रेष्ठ क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को 25.50 पैसा मिलता था। इस समय 2014 रूपए देय है। फिलवक्त 10 नवम्बर से आमरण अनशन कर रहे हैं। अनशनकारी अनशन अस्वस्थ्य हो जाते हैं। सरकार के द्वारा बहाल चिकित्सक के परामर्श से पीएमसीएच में जाकर चिकित्सा करवाते हैं। वहां से लौटकर आने के बाद पुनः अनशन करना शुरू कर देते हैं। सरकार और नौकरशाहों की बेरूखीपन के कारण अनशनकारियों की फजीयत हो रही है। अनशनकारी कारगिल चौक से पीएमसीएच और पीएमसीएच से कारगिल चौक आवाजाही करने को मजबूर हैं। 


आलोक कुमार

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