Friday 5 December 2014

न्याय शांति और सम्मान के लिए आदिवासी अधिकार पदयात्रा

ग्राम सिंघारी में शामिल होकर गोविन्दाचार्य ने दिया आदिवासी अधिकार पदयात्रा को समर्थन 

प्रदेश में नशाखोरी लगातार बढ़ते जा रहा है जो सोची समझी साजिश 

कवर्धा । ग्राम सिघांरी में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक श्री के. एन. गोविन्दाचार्य ने कहा कि अन्याय के खिलाफ हम सब को एकजूट होकर लड़ना होगा और जीतना होगा ताकि आने वाले पीढ़ी बेहतर जिन्दगी जी सके । पूरे समाज को न्याय मिले और सभी लोग सम्मान से शांति पूर्वक जीवन जी सके । एकता परिषद के तत्वावधान आयोजित और  राजगोपाल पी.व्ही. के नेतृत्व में चल रहे न्याय शांति और सम्मान के लिए आदिवासी अधिकार पदयात्रा को समर्थन देने गोविन्दाचार्य माना विमानतल से उतरकर सड़क मार्ग से सीधे बोड़ला विकास खण्ड के ग्राम सिंघारी पहुंचे रास्ते भर धुल भरे नजारे को देखकर सरकार और प्रशासन पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यहां की खनिज सम्पदा का मनमाने दोहन कर पूंजीपूति खूब धन बटोर रहे है और यहां के भोले भाले स्थानीय निवासियों के हिस्से धूल मिट्टी, प्रदूषण अनेक बीमारियां हाथ लग रही है । ग्रामीणों को विश्वास दिलाते हुए आगे कहा कि सभा के दौरान जो जो समस्या ग्रामीणों ने रखा है उन सभी समस्याओं को केन्द्र एवं राज्य सरकार के सम्मूख रखूगां । मुझे उम्मीद है कि सरकार इन तमाम समस्याओं पर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करेगी । 

पूर्व विधायक श्री विरेन्द्र पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि संवाद से समझ बनता है और समझ से हर समस्या का हल निकलता है । आदिवासियों के प्रति अपने विचार रखते हुए कहा कि आदिवासी तीन लोगों को सरकार मानता है, एक वन विभाग, दूसरा पटवारी, तीसरे थानेदार इन्ही विभाग को वे अपना माई बाप सरकार मानते है और उम्मीद करते है कि ये सब उनके हित के लिए काम करेंगे लेकिन दुर्भाग्यवश ये तीनों विभाग आदिवासियों के शोषण करने में लगे हुए हैं । उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी सब कुछ सहन कर लेता है लेकिन अपने जीवन में हस्ताक्षेप बर्दास्त नही करता । सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब से सरकार ने लोगों को सस्ता अनाज देना प्रारंभ किया है प्रदेश में नशाखोरी लगातार बढ़ते जा रहा है जो सोची समझी साजिश है इस अन्याय के खिलाफ केवल आदिवासी ही नही पूरे समाज को मिलजुल कर लड़ना होगा । 

मध्यप्रदेश के डिण्डोरी, मण्डला, बालाघाट से यात्रा में चल रहें नान्हू बैगा, शोभा बहन, समलियाबाई, अनिता, चन्द्रकांता एवं छतीसगढ़ के शिकारी बैगा, कोरबा क्षेत्र से आये पाण्डों समाज के मुखिया अहिबरन व ग्राम सिघारी के ग्रामीण मुखियाओं ने वन भूमि अधिकार, नेशनल पार्क विस्तार, कारीडोर परियोजना, बांध, वन्य जीव संरक्षण,  व खदानों के नाम पर हो रहे विस्थापन एवं विकास प्राधिकरण में हो रहे धांधली व अनियमितताओं पर अपने अपने बात को रखा । 

सभा में उपसिथत समस्त पदयात्री एवं ग्रामीणों को आहवान करते हुए एकता परिषद छतीसगढ़ के संयोजक श्री प्रशांत कुमार ने कहा कि जल जंगल और जमीन पर वंचित समाज को हक और अधिकार दिलाने की कड़ी में निकली इस पदयात्रा का अंतिम पड़ाव कवर्धा होगा । इस अवसर पर 10 दिसम्बर मानव अधिकार दिवस के दिन गांव गांव से प्राप्त समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन के साथ संवाद स्थापित किया जायेगा । उपरोक्त बातों की जानकारी छतीसगढ़ मीडिया प्रभारी पीलाराम पटेल ने दी।

पीलाराम पटेल
एकता परिषद के वरिष्ठ सदस्य हैं। इनका नेतृत्व क्षमता का अंदाज जन सत्याग्रह 2012 के दौरान देखा गया। फिलवक्त एकता परिषद, छतीसगढ़ के मीडिया प्रभारी हैं।

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