Friday 5 December 2014

अब बेहतर ढंग से क्रिसमस बना सकेगा जोसेफ


वह धन्यद्योषित मदर टरेशा की बहनों के पास गया

उसका दिन बड़ा दिन उस वक्त था जब अनाथालय पहुंचाए गए

पटना। आखिरकार रोड नापने वाले जोसेफ एलियास को आश्रय मिल गया।वह धन्यद्योषित मदर टरेशा की बहनों के पास पहुंचा दिया गया। पटना सिटी में मदर टरेशा के द्वारा अनाथालय खोला गया है। वहां पर सड़क नसीब लोगों की सेवा की जाती है। यहां पर जन्मजात शिशु से लेकर बुजुर्गों तक की सेवा की जाती है। इसी जगह में जोसेफ एलियास गए हैं। अब वह बेहतर ढंग से क्रिसमस पर्व मना सकेंगे। क्रिसमस त्योहार को ईसाई समुदाय बड़ा दिन भी कहते हैं। इसी दिन प्रभु येसु ख्रीस्त बालक येसु का जन्म हुआ था। इसी के आलोक में बड़ा दिन कहते हैं। जोसेफ एलियास को उसी दिन बड़ा दिन था,जब वह अनाथालय में पहुंचाया गया। इतना तो सत्य है कि वह ठंड के थपेड़ों से भी बच जाएगा।

दीघा थाना क्षेत्र में ही रोड पर जोसेफ एलियास रहते थे। कोई दानी के द्वारा खाना दे दिया जाता था। उसका हाथ भी टूट गया था। इसके अलावे पैर में घाव भी हो गया था। इस तरह की परेशानी से जुझ रहा था। वह जवानी में तरह-तरह के कार्य किया। कुर्जी कब्रिस्तान में मृतकों को दफनाने के लिए गड्ढा भी खोनते थे। ठेला पर सब्जी भी बेचे। जोसेफ एलियास, कंचन भाई से भी प्रसिद्ध था।


आलोक कुमार

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