Wednesday, 27 May 2015

सीएम नीतीश कुमार और पूर्व शिक्षा मंत्री पी.के.शाही को सौंपा था मांग पत्र

 चार साल के बाद भी उर्त्तीण अभ्यर्थियों को बहाली नहीं

उर्त्तीण सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थियों को किया जा रहा है प्रताड़ित

पटना। आंदोलन करने पर मजबूर हैं बिहार राज्य टीईटी-एसटीईटी उर्त्तीण संघ। राजनीति शास्त्र अध्ययन करने वाले नेता कर रहे हैं उर्त्तीण सामाजिक विज्ञान के अभ्यर्थियों को प्रताड़ित। सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री को सौंपा मांग पत्र। चार साल के बाद भी उर्त्तीण अभ्यर्थियों को बहाली नहीं की जा रही है।

बिहार विघालय परीक्षा समिति,पटना के द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एक से बारहवीं) का वर्ष 2011 में आयोजन हुआ। जिसमें कक्षा एक से पाँच तक 60,730,छह से आठवीं तक 87,254, नौवीं से दसवीं तक 85,625 और ग्यारहवीं से बारहवीं तक 44,982 अभ्यर्थी उर्त्तीण हुए। बिहार राज्य टीईटी-एसटीईटी उर्त्तीण संघ के प्रदेश संयोजक संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्ष 2012-13 से शिक्षक नियोजन प्रक्रिया आरंभ हुआ। शिक्षक नियोजन नियमावली की जटीलता के चलते अभ्यर्थियों का नियोजन संभव ही नहीं हो सका। इसके बाद पुनः 22 दिसम्बर 2014 से नई नियोजन की प्रक्रिया आरंभ की गयी। शिक्षक नियोजन प्रक्रिया 
वर्ष 2012-13 के दौरान शेष रिक्तियों के विरूद्ध ही नई नियोजन प्रक्रिया आरंभ की गयी। इसके कारण नई रिक्तियों को शामिल नहीं किया गया। और तो और किसी तरह का सुधार जटिल नियमावली में नहीं किया गया। सरकार के द्वारा जटिल नियमावली और नई प्रक्रियों को ही लागू करने से अभ्यर्थियों का सामाजिक,आर्थिक एवं मानसिक शोषण हो रहा है।

बिहार राज्य टीईटी-एसटीईटी उर्त्तीण संघ के प्रदेश महासचिव चन्दन शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत वर्तमान समय में विघालयों में अध्यापन कार्य करने के लिए शिक्षकों की कमी है। इसके कारण विघालयों में बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है। वहीं सरकार के द्वारा समय-समय पर बयानबाजी करके रोजनामचा में खबर उछाली जाती है कि सूबे में शिक्षकों का लाखों पद रिक्त है एवं सभी टीईटी/एसटीईटी उर्त्तीण अभ्यर्थियों को नियोजन किया जाएगा। इस प्रदेश के लोगों के साथ अभ्यर्थियों का दुर्भाग्य है कि चार साल के बाद भी अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं किया गया है। इसके कारण अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

सीएम नीतीश और शिक्षा मंत्री को 8 सूत्री माँग पत्र पेश किया गया है। सभी शिक्षक पात्रता परीक्षा उर्त्तीण को नियोजन हेतु सत्र 2015-16 तक नवसृजित पदों को उच्च माध्यमिक, माध्यमिक एवं प्रारंभिक विघालयों में वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में शामिल किया जाए। उच्चतर माध्यमिक/माध्यमिक शिक्षक के लिए आवेदन से वंचित अप्रशिक्षित अभ्यर्थियोंके लिए एनसीटीई, नई दिल्ली को नियोजन में शामिल होने के लिए प्रस्ताव तत्काल भेजा जाए। दिनांक 03.05.2014 को उस समय के शिक्षा मंत्री पी.के.शाही एवं उनके प्रधान सचिव, अमरजीत सिन्हा ने अखबारों के माध्यम से यह घोषणा किए कि बी.एडत्र में नामांकित अभ्यर्थियों को नियोजन में शामिल किया जाएगा। वर्तमान शिक्षक नियोजन को केन्द्रितकृत कैम्प के द्वारा एक दिनांक में नियोजन पत्र वितरण किया जाए। अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षक (प्रथम-आठवीं) को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त छूट 31 मार्च 2015 को देखते हुए नवसृजित पदों को शामिल करते हुए लाभान्वित अभ्यर्थियों का नियोजन किया जाए। इसे अब भी पूरा कर दिया जाए। माध्यमिक/ उच्च प्राथमिक (छठी-आववीं) में सामाजिक विज्ञान के उर्त्तीण अभ्यर्थियों को प्राथमिक विघालय में सामान्य शिक्षक के रूप में नियोजन किया जाए। नियोजन प्रक्रिया में व्यापक धांधली की सशक्त इकाई से जांच कराई जाए एवं नियोजन इकाईयों के मनमाने रवैये पर नियंत्रण किया जाए। टीईटी/एसटीईटी अंक पत्र इंटरनेट पर सार्वजनिक किया जाए। उच्चतर माध्यमिक/माध्यमिक विघालय में वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में उर्दू , मैथिली,भोजपुरी,संस्कृत,ललित कला, बांग्ला,शारीरिक शिक्षक,कम्प्यूटर,पाली,वाणित्य एवं अन्य भाषा के रिक्तियों को शामिल किया जाए।


आलोक कुमार

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