Friday, 11 September 2015

मरीजों को एक-दो दवा थमाकर शेष दवा को बाहर से खरीदने के आरएक्स थमा देते

पटना। राजधानी में है गर्दनीबाग अस्पताल। सुशासन सरकार के वादे को पूरा करने में अक्षम साबित हो रहा है गर्दनीबाग अस्पताल। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि महागठबंधन सरकार की उपलब्धि है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। पहले लोग सरकारी अस्पताल के नाम से ही घबड़ाते थे।बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की कार्यक्षमता के बल पर अस्पतालों में आवश्यक सुधार आया है। लोगों का विश्वास चिकित्सक,ए.एन.एम.,स्वास्थ्यकर्मी, आशा,ममता आदि पर बढ़ा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम हो रहा है। इन लोगों के बल पर ही पोलियो मुक्त भारत /बिहार हो सका है।


खैर, गर्दनीबाग अस्पताल,पटना का आलम यह है कि ओ.पी.डी. दवाओं की सूची में 51 तरह की दवाओं का नाम अंकित है। मगर 20 तरह की ही दवा उपलब्ध है। 31 तरह की दवा कागज पर अंकित है। यहां के चिकित्सक 20 तरह की दवा से ही काम निकालते देखे जाते हैं। आने वाले मरीजों को एक-दो दवा थमाकर शेष दवा को बाहर से खरीदने के आरएक्स थमा देते हैं।

यह बताया जाता है कि ओ.पी.डी.दवाओं की सूची को अपटूडेट किया जाता है। वास्तव में तारीख को ही अघतन की जाती है। इस ओर असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,पटना को देखभाल करने की जरूरत है। कई अधिक दवा खरीदने के नाम पर हेराफेरी तो नहीं की जा रही है!

आलोक कुमार

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