अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ
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यह उल्लेखनीय है कि 15 नवम्बर 2000 के पहले बिहार विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में समुदाय से किसी मुख्यमंत्री जी की सिफारिश पर महामहिम राज्यपाल मनोनीत करते थे। समुदाय के मिस्टर ब्राउन बिहार विधान सभा में कुंडली मार कर बैठ गये थे। इसके बाद एंग्लो-इंडियन समुदाय के अन्य लोगों में जागरूकता आयी। लालू-राबड़ी के शासनकाल में डॉन बोस्को के प्राचार्य आल्फ्रेड जौर्ज रोजारियों को उक्त समुदाय से बिहार विधान सभा के एक पद पर मनोनीत किये थे। इनके मनोनीत होने से ईसाई समुदाय का भी प्रतिनिधित्व हो जाता था। जो अब नहीं हो पा रहा है। इसके बाद झारखंड बंटवारा हो जाने के बाद एंग्लो-इंडिया समुदाय बहुल मैस्कुलेस्कीगंज झारखंड में पड़ गया। इसके कारण संख्या के आधार पर बिहार विधान सभा में उक्त समुदाय के प्रतिनिधि का मनोयन नहीं हो सक रहा है। इसको लेकर काफी दिक्कत हो रही है।
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