Tuesday 20 October 2015

20 अक्टूबर,2015 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्मित पहचान पत्र वितरित

पहचान पत्र वितरित किया

पटना। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर 1 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्मित पहचान पत्र वितरित किया गया। दीघा मुसहरी के मतदाता पहली दफा इस पहचान पत्र का उपयोग करेंगे। 28 अक्टूबर को तृतीय चरण का मतदान होना है।

दीघा मुसहरी में करीब 80 घरों में मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। करीब साढ़े सौ की जनसंख्या है। यहां पर रहने वाले सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़ गए हैं। आजादी के 68 सालों से मतदान कर नेताओं की तकदीर और तस्वीर निखारते हैं। तकदीर और तस्वीर निखर जाने के बाद नेताओं के द्वारा मुसहर समुदाय का ख्याल नहीं किया जाता है। इसके कारण बदतर जिदंगी जीने को बाध्य हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम के तहत घर बना था। जो जर्जर हो गया है। इस समय जर्जर घर में रहते हैं।
देखा गया कि दीघा मुसहरी में छोटे बच्चे परलोक सिधार जाते थे। इस पर नियत्रंण करने के बाद बुर्जुग विदा लगे। जब सभी बुर्जुग चले गए तो नौजवान जाने लगे। अभी तीनों प्रकार के लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अभी स्वर्गीय भदई मांझी की बेटी सुदामा देवी की हालत खराब है। कभी भी सांस छोड़ सकती हैं।

स्कूल रहने के बावजूद भी बच्चे रद्दी कागज आदि चुनने जाते हैं। अपने मां-बाप के साथ निकलते हैं। कुछ बच्चे अकेले भी कूड़ों के ढेर से किस्मत सवारते हैं। ठेकेदारी पर नौजवान काम करते जाते हैं। महुआ और मिट्ठा डालकर महिलाएं महुआ दारू बनाती हैं। प्रथम दारू निकलता है उसे कंस कहा जाता है। इसमें पानी मिलाकर बेचा जाता है। इसी को बेचकर घर चलाती हैं। महुआ दारू खुद महिलाएं और पुरूष मिलकर पीते हैं। दोनों अधिक नशा लाने के उद्देश्य से कंस दारू पीते हैं। जो काफी हानिकारक सिद्ध होता है। इसके सेवन करने से जानलेवा टीबी बीमारी हो जाती है। यहां के हरेक घर में जानलेवा टीबी के मरीज हैं। जो दवा खाकर ठीक हो गए हैं अथवा परलोक सिधार गए हैं।

यहां पर सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा कार्य किया जाता है। इसके बाद भी कल्याण और विकास नहीं हो रहा है। यहां के विकास मित्र सुधीर मांझी हैं। जो विकास के डगर पर मुसहरी को लाने का प्रयास कर रहे हैं। कभी सुधीर मांझी की मां श्यामसखि देवी उत्प्रेरक का कार्य करती थीं। उस समय राजबाला वर्मा, पटना की जिलाधिकारी थीं। वहीं श्यामसखि देवी को उत्प्रेरक बनायी थीं। आज लकवाग्रस्त हैं। किसी तरह से सकती हैं मगर बोल नहीं सकती हैं। ऐसा प्रतीक होता हैं कि जीर्वित लाश हैं।

तमाम तरह की समस्याओं के रहते तृतीय चरण के चुनाव में 28 अक्टूबर को मतदान करने को तैयार हैं। महादलित दीघा चौहट्टा में स्थित राजकीय मध्य विघालय में जाकर मतदान करते हैं। दीघा मुसहरी के आंगन में राजकीय मध्य विघालय है। यहां पर मतदान केन्द्र है। इसके रहते दीघा मुसहरी के महादलित दीघा चौहट्टा में जाकर मतदान करते हैं।


आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट, पटना।




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