आलोक कुमार
झारखंडः फिलवक्त महात्मा गांधी के मार्ग पर चलकर आदिवासी सत्याग्रह कर रहे हैं। आदिवासियों ने जल,जंगल,जमीन की हिफासत करने के लिए सेना को गोलीबारी अभ्यास करने से रोका है। इस तरह यहां आदिवासी और सेना आमने-सामने हैं।

नेतरहाट आंदोलन झारखंडी प्रतिरोध की संस्कृति का वाहक सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर सेना के द्वारा समय समय पर गोलाबारी अभ्यास को रोकने में सफल हो जाते हैं। इसके आलोक में 22&23 मार्च
2014 विस्थापन के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन का
21वाँ वर्ष के अवसर पर सत्याग्रह किया जा रहा है। इसमें सभी लोगों को भाग लेने के लिए न्यौता दिया गया है। आपका आंदोलन में स्वागत है। आदिवासी जान देंगे और जमीन नहीं देंगे का नारा बुलंद करते हैं। अगर आवाज सरकार तक पहुंच पाती तो जरूर ही समस्या का समाधान करने की दिशा में कदम उठाया जाता।
वनाधिकार कानून 2006 से लाभ दिलवा दें: हुजूर,
केन्द्रीय
सरकार
के
द्वारा
वनाधिकार
कानून
2006 है।
इसके
तहत
वनभूमि
पर
रहने
वालों
को
वनभूमि
का
पट्टा
देना
है।
केवल
आदिवासी
को
ही
नहीं
वरण
गैर
आदिवासियों
को
भी
ख्याल
रखा
गया
है।
केवल
गैर
आदिवासियों
को
तीन
पीढ़ी
का
वंशावली
पेश
करना
होगा।
यह
भी
13 दिसम्बर
2005 के
पहले
तक
का
होना
है। बाकी आपको अपने नौकरशाहों से
प्रक्रिया
पूरी
करवा
देनी
है।
तब
जाकर
वनभूमि
पर
रहने
वालों
को
अधिकार
प्राप्त
हो
जाएगा।
रही
बात
सेना
को
गोलाबारी
अभ्यास
करने
का
वह
अन्यत्र
जाकर
कर
सकते
हैं।
No comments:
Post a Comment