Tuesday 8 July 2014

मैनपुरा से लेकर एल . सी . टी . घाट तक दर्जनों स्थान पर कूड़ों का गगनचुम्बी अम्बार

घर के कूड़ों को सड़क पर और घर के पूजन सामग्री को गंगा नदी में फेंक देते !

पटना। यह जगजाहिर है कि आवागमन करने के लिए सड़क बनायी जाती है। लोगों को बायीं ओर से चलने और वाहनों को सड़क पर दौड़ने का अधिकार है। दोनों के बीच में मकान मालिक सामने गए हैं। मकान के कूड़ों को सड़क पर लाकर फेंक दे रहे हैं। इसके कारण मैनपुरा से लेकर एल . सी . टी . घाट तक दर्जनों स्थानों पर कूड़ों का गगनचुम्बी अम्बार हो गया है। पटना नगर निगम के कार्यक्षेत्र में पड़ने के बावजूद भी कूड़ों को हटाया नहीं जा रहा है। यहां पर कूड़ा सड़कर बदबूदार हो गया है। लोग नाक पर रूमाल रखकर आवाजाही करने को बाध्य हैं।
इन गगनचुम्बी कूड़ों के ढेर से इंसान और जानवर को फायदा होता है। इंसान कूड़ों के ढेर से रद्दी चुनकर बेचते हैं। वहीं जानवर खाने योग्य चीजों को आहार बना लेते हैं। इंसान और जानवर के बीच में कभी - कभी जंग भी हो जाता है। चीजों को पहले हम पहले हम करने के चलते इंसान पर जानवर टूट भी पड़ते हैं। इसी अप्रत्याशित घटना को जानवर अंजाम दें। इसी लिए इंसान के हाथ में डंडा रहता है। इस डंडे से इंसान जानवर को दूर भगाने में सफल हो जाते हैं।
इन कूड़ों को बदबूदार बनाने में बरसाती पानी भी सहायक है। बरसाती पानी से कूड़े भींगकर सड़ जाता है। सूर्य भगवान की रोशनी के बाद कूड़ा अधिक ही बदबू उछालने लगता है। आवाजाही करने वाले परेशान हो जाते हैं। जैसे ही मैनपुरा बस्ती शुरू होती है। वैसे ही नाक पर रूमाल रख लेते हैं। एल . सी . टी . के बाद ही नाक पर से  रूमाल उठता है। आप समझ गए होंगे कि पूरब से आते वक्त मैनपुरा और पश्चिम की ओर से आते वक्त एल . सी . टी . घाट  से  ही नाक पर रूमाल रखने को मजबूर  हो जाते हैं।


इसी रूट में मूर्ति मकान है। नेताओ की मूर्ति है। उसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की मूर्ति है। इस मूर्ति मकान के सामने कूड़ा फेंका जा रहा है। आखिर लोग कूड़ा सड़क पर क्यों फेंके ! यह सवाल है। एक ईंच जमीन छोड़े बिना मकान बनाया जा रहा है। घर में कूड़ादान नहीं है। बस प्लास्टिक में कूड़ा रखते हैं। बस प्लास्टिक उठाकर सड़क पर कूड़ा फेंक देते हैं। ऐसा करने से कोई बोलने वाला नहीं है। पटना नगर निगम को टेक्स देते हैं। बस नगर निगम का कार्य हैं। इन कूड़ों को उठाकर उचित जगहों पर निष्पादन करें। उसी तरह घर में पूजा सामग्री के समानों को गंगा जी डाल आते हैं। इस तरह इंसान गंदगी दूर करने के बदले गंदगी प्रसार में सफल हो रहे हैं।

Alok Kumar

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