Wednesday 14 June 2023

आर सी पी सिंह, उपेंद्र कुशवाहा के बाद मांझी का किनारा करना बड़ी घटना

● विपक्षी एकता बैठक से पहले मांझी का अलग होना बड़ा अपशकुन

● आर सी पी सिंह, उपेंद्र कुशवाहा के बाद मांझी का किनारा करना बड़ी घटना

●  महागठबंधन सरकार बनने के बाद से एक भी बड़ा दल  नहीं जुड़ा

● नीतीश की मुहिम से केसीआर, पटनायक, मायावती पहले ही बना चुके दूरी

पटना. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीतन राम मांझी का महागठबंधन से अलग होना  विपक्षी एकता की पटना बैठक के लिए बड़ा अपशकुन है.उन्होंने कहा कि पहले बैठक की तारीख टली, फिर रोज कोई न कोई बड़ा नेता इससे दूरी बनाने लगा.

   उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने वरिष्ठ दलित नेता मांझी को नौ माह बाद अपमानित कर मुख्यमंत्री पद से हटाया था और अब उनकी पार्टी के जदयू में विलय के लिए दबाव बनाया जा रहा था.श्री मोदी ने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति नीतीश कुमार के साथ नहीं रह सकता. आर सी पी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बाद मांझी का किनारा करना साधारण घटना नहीं है.

    उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद पिछले नौ महीनों में एक भी बड़ा दल या नेता इससे नहीं जुड़ा.श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता मुहिम से केसीआर, नवीन पटनायक, मायावती, एचडी कुमारस्वामी और  जगनमोहन रेड्डी पहले ही दूरी बना चुके हैं.अब उमर अब्दुल्ला ने भी पटना बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

   उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के निकाय चुनाव में जब टीएमसी के गुंडे कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं, तब नीतीश कुमार वहाँ इन दो दलों में क्या एकता करा पायेंगे?

   इंजीनियर दिनेश कुमार ने ट्वीट कर कहा है कि बीजेपी के साथ जितने छोटे छोटे दल जुड़ेंगे महागठबंधन को उतना फायदा होगा. ये सब टोटल मिला के 10 से 12 सीट लेंगे और पैसा लेकर किसी को भी टिकट दे देंगे और सारे सीट पर जीरो पर आउट हो जायेंगे. बहुत जल्दी भूल गए 2015. बीजेपी इनको 80 सीट दी थी और ये 41 सीट जीते थे.

     राजीव रंजन सिंह ने भी ट्वीट कर कहा कि बीजेपी ने शिवसेना ,अकाली दल ,जदयू, तेलगुदेशम, त्रिमूल कांग्रेस , बीजू जनता दल सब तो छोड़ ही दिए. ये सब शुभ संकेत है क्या! पहले आपको मुबारक हो.


आलोक कुमार

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