Thursday, 15 October 2015

ऐसे विकास करने से कैसे चलेगा?

झोपड़ी में नाच करने को बाध्य महादलित
महादलित हैं तो विकास और कल्याण में 

कंजूसी न हो

झोपड़ी में नाच करने को बाध्य महादलित

पटना। दीघा थाना क्षेत्र में नाच बगीचा मुसहरी है। यहाँ के लोगों के साथ मिलकर सोमर मांझी भी आवेदन पत्र जिलाधिकारी को दिया था। इसमें पटना के जिलाधिकारी से आग्रह किए थे कि हमलोगों के पास जमीन है। फिलवक्त अर्थाभाव के कारण मकान नहीं बना पा रहे हैं। इसके कारण झोपड़ी बनाकर जीवन बीता रहे हैं। जीवन बीताते सोमर मांझी आसमान में चले गए। मगर सरकार के द्वारा जमीन पर मकान नहीं बना।

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के 15 वर्षीय शासनकाल में महादलित मुसहर समुदाय के लोगों को बास करने वाली जमीन का मालिक बनाने के लिए बासगीत पर्चा निर्गत किया गया। जदयू और भाजपा के शासनकाल में मकान नहीं बना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 10 वर्षीय शासनकाल में मकान बनाने की कोशिश नहीं की गयी। कुछ दिनों तक महादलित जीतन राम मांझी भी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने भी सुधि नहीं लिए।

धर्मेंन्द्र मांझी कहते हैं कि हमलोग पटना सदर प्रखंड में पड़ते हैं। दीघा नहर से पश्चिम की ओर के क्षेत्र नगर परिषद ,दानापुर निजामत में पड़ता हैं। अंचल अलग और नगर परिषद अगल है। दोनों के बीच में पड़ जाने से विकास कार्य नहीं हो पाता है। पटना निगम के कार्य क्षेत्र में राजीव गांधी आवास योजना से मकान बन रहा है।

बिहार विधान सभा के दानापुर विधान सभाई क्षेत्र के प्रत्याशी नाच बगीचा में दौड़ादौड़ी करने लगे हैं। इन लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि मकान बनाने में मदद करें। वर्तमान समय में बीजेपी की आशा देवी विधायक हैं। वह वोट लेकर जाती हैं, उसके बाद दूरदर्शन हो जाती हैं। उसी तो नौकरशाह भी हैं, जो महादलितों का कार्य करने में दिलचस्पी लेते ही नहीं है।


आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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