Saturday, 17 October 2015

स्व.भदई मांझी की बेटी सुदमिया देवी कष्ट में

 कभी भी प्राण त्याग कर सकती हैं?

स्व.भदई मांझी की बेटी सुदमिया देवी
 कष्ट में
पटना। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-1 में है दीघा मुसहरी। दीघा मुसहरी को शबरी कॉलोनी कहा जाता है। आजादी के 68 साल के बाद महादलित मुसहर समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रही है। वोट देकर नेताओं की तकदीर और तस्वीर सुधारने में सहायक बनने वाले मुसहर समुदाय की स्थिति में सुधार नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य महादलित आयोग बनाया है। इस आयोग के माध्यम से महादलितों का कल्याण और विकास करना था। इसमें डोर टू डोर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराना है। ऐसा लगता है कि महादलितों का कल्याण और विकास कागज पर ही सिमट कर रह गया है।

स्वर्गीय भदई मांझी की बेटी हैं सुदमिया देवी। वह मां-बाप,भाई-बहन और पति को खो चुकी हैं। स्व.भदई मांझी की अकेली बेटी बच रही हैं। सुदमिया देवी ने भाई महेश और गणेश को खो देने के बाद भाभी के साथ रहती हैं। स्व. महेश मांझी की पत्नी कांति देवी ननद की सेवा कर रही हैं। वह भी गरीब है। कांति देवी ने हाल बताकर दवाखाना से दवा खरीदकर लायी है। अब दवाई समाप्त हो गयी है। सुदमिया देवी कहती हैं कि दवा खाने से बेहतर महसूस कर रही थीं। राशि के अभाव में दवाई नहीं खरीदी जा सक रही है।
राशि के अभाव में दवाई नहीं खरीदी 

स्व.गणेश मांझी की पत्नी ननद के बारे में कहती हैं कि एक माह से बीमार है। चेहरे में सुजन गया है। भोजन बहुत ही कम करती हैं। झोपड़ी के दरवाजा के बाहर में पड़ी रहती हैं। चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। सुदमिया कहती हैं कि चौकी पकड़कर चल सकती हैं। इसका मतलब स्थिति गंभीर है।


आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट, पटना।

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