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मिस्सा
करके जाते फादर दोमनिक
और बेदी सेवक
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चर्च के
अंदर गौशाला निर्माण
विभिन्न
मतलब को लेकर मोमबत्ती लगी
पटना। आज
आगमन काल का प्रथम रविवार 29 नवम्बर है। आगमन काल का द्वितीय रविवार 6 दिसम्बर को
है। आगमन काल का तृतीय रविवार 13 दिसम्बर को और आगमन काल का चतुर्थ रविवार 20
दिसम्बर को है। वहीं 25 दिसम्बर को बड़ा दिन है।चर्च के अंदर गौशाल निर्माण किया
गया है। इसमें मोमबत्ती लगी है।
इस संदर्भ
में आगमन काल का प्रथम रविवार का मिस्सा करने वाले फादर दोमनिक का कहना है कि आज
29 नवम्बर को प्रथम मोमबत्ती जलायी गयी है। इसका मतलब शांति है। 6 दिसम्बर को द्वितीय
मोमबत्ती जलायी जाएगी। इसका मतलब प्यार है। 13 दिसम्बर को तृतीय मोमबत्ती जलेगी।
इसका मतलब खुशी है। 20 दिसम्बर को चतुर्थ मोमबत्ती जलेगी। इसका मतलब शांतिपूर्णहर्षोल्लास
है।
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आज आगमन काल का प्रथम रविवार |
ईसाई
समुदाय आगमन काल में बालक येसु के धरती पर आने का इंतजार करते हैं। पालक पिता संत
जोसेफ की पत्नी कुवांरी माता मरियम के गर्भ से बालक येसु का जन्म गौशाला में
मध्यरात्रि 24 दिसम्बर को होगा। बालक येसु का जन्म को ही ईसाई समुदाय बड़ा दिन कहते
हैं। इसे हैप्पी क्रिसमस,ख्रीस्त जयंती,मेरी क्रिसमय,खुश जन्म पर्व कहकर संबोधित करते हैं।

आलोक
कुमार
मखदुमपुर
बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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