Sunday 29 November 2015

बालक येसु के धरती पर आने के इंतजार में ईसाई समुदाय

मिस्सा करके जाते फादर दोमनिक 
और बेदी सेवक
 चर्च के अंदर गौशाला निर्माण

विभिन्न मतलब को लेकर मोमबत्ती लगी

पटना। आज आगमन काल का प्रथम रविवार 29 नवम्बर है। आगमन काल का द्वितीय रविवार 6 दिसम्बर को है। आगमन काल का तृतीय रविवार 13 दिसम्बर को और आगमन काल का चतुर्थ रविवार 20 दिसम्बर को है। वहीं 25 दिसम्बर को बड़ा दिन है।चर्च के अंदर गौशाल निर्माण किया गया है। इसमें मोमबत्ती लगी है।

इस संदर्भ में आगमन काल का प्रथम रविवार का मिस्सा करने वाले फादर दोमनिक का कहना है कि आज 29 नवम्बर को प्रथम मोमबत्ती जलायी गयी है। इसका मतलब शांति है। 6 दिसम्बर को द्वितीय मोमबत्ती जलायी जाएगी। इसका मतलब प्यार है। 13 दिसम्बर को तृतीय मोमबत्ती जलेगी। इसका मतलब खुशी है। 20 दिसम्बर को चतुर्थ मोमबत्ती जलेगी। इसका मतलब शांतिपूर्णहर्षोल्लास है।

आज आगमन काल का प्रथम रविवार 
ईसाई समुदाय आगमन काल में बालक येसु के धरती पर आने का इंतजार करते हैं। पालक पिता संत जोसेफ की पत्नी कुवांरी माता मरियम के गर्भ से बालक येसु का जन्म गौशाला में मध्यरात्रि 24 दिसम्बर को होगा। बालक येसु का जन्म को ही ईसाई समुदाय बड़ा दिन कहते हैं। इसे हैप्पी क्रिसमस,ख्रीस्त जयंती,मेरी क्रिसमय,खुश जन्म पर्व कहकर संबोधित करते हैं।

इस अवधि में घर और चर्च को सजाया और संवारा जाता है। नये परिधान बनाया जाता है। क्रिसमस केक बनाया जाता है। ठेकुआ,पुआ,नमकीन आदि भी बनता है। विभिन्न गिरजाघरों से भक्तिगीत गाने वालों की टोली निकलती है। टोली भक्तिगीत गाकर ईसाई समुदाय के घरों में जाकर बालक येसु के आगमन के बारे में जानकारी देते हैं। कुल मिलाकर बालक येसु के धरती पर आने का इंतजार ही किया जा रहा है।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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