Wednesday 17 February 2016

वर्ष 2012 में सुरक्षित प्रसव करवाने में सहयोग देने वाली आशा बहनों को 9 माह का पारिश्रमिक राशि नहीं मिलने का सनसनीखेज मामला

लेखापाल ने 250 से अधिक आशा बहनों को
 निराश करके रख दिया
लेखापाल जयप्रकाश ठाकुर ने कुल 55250 रू0 डकार गये
केवल 11 आशा बहनों का आकड़ा है। शेष 239 का आकड़ा उपलब्ध नहीं

दानापुर। सूबे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा बहनों को बहाल किया गया है। इनको कार्यानुसार ही पारिश्रमिक मिलता है। इन कार्यों में गांवघर की गर्भवर्ती महिलाओं को टी0टी0 दिलवाना है। ए0एन0एम0दीदी से गर्भवर्ती महिलाओं को दिखलाना है। शिशु होने की संभावित तिथि को ज्ञातकर गर्भवर्ती को बताना। इन गर्भभर्वी महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्र से पोषाहार दिलवाा है। इन गर्भवर्ती महिलाओं को तैयारी करके सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव करवाने को ले जाना। सरकारी अस्पतालों में गर्भवर्ती महिलाओं को प्रसव करवाने के बाद जननी सुरक्षा योजना से 1400 रू0 दिया जाता है। उसी तरह आशा बहन को सुरक्षित प्रसव हो जाने के पश्चात ही पारिश्रमिक मिलता है। वर्ष 2012 में प्रति सुरक्षित प्रसव के उपरांत 250 रू0 मिलता था। जो बढ़कर 2016 में 6 सौ रू0 हो गया है। 

दानापुर अनुमंडल अस्पताल में वर्ष 2012 में सुरक्षित प्रसव करवाने में सहयोग देने वाली आशा बहनों को 9 माह का पारिश्रमिक राशि नहीं मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आशा बहनों का कहना है कि 2012 में लेखापाल जयप्रकाश ठाकुर पद स्थापित थे। लेखापाल ने 250 से अधिक आशा बहनों को निराश करके रख दिया है। समझा जाता है कि लेखापाल ने जयप्रकाश ठाकुर ने आशा बहनों को मिलने वाले पारिश्रमिक राशि में सेंधमारी कर लिया है। वर्तमान समय के लेखापाल पर्दा उठाना नहीं चाहते हैं। पर्दा में रखकर आशा बहनों को भरोसा देते हैं कि बाकी राशि को दिया जाएगा। लेखापाल को मालूम होना चाहिए कि वित्तीय वर्ष होता है। चार साल गुजर गये हैं। आखिर किस वित्तीय वर्ष में आशा बहनों को बकायी राशि देंगे?

राज्य स्वास्थ्य समिति और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की आँखों में धूल झोंकने वाले लेखापाल जयप्रकाश ठाकुर ने 2012 में मार्च से दिसम्बर तक आशा बहनों को चूना लगाते रहा। जब लेखापाल की जनवरी 2013 में विदाई हो गयी तब से पारिश्रमिक नियमित मिलने लगा। 
आखिर किस वित्तीय वर्ष में आशा बहनों को
बकायी राशि देंगे?
आशा बहनों में कविता देवी कहती हैं कि गांवघर से 30 गर्भवर्ती महिलाओं को लाकर अनुमंडल अस्पताल में सुरक्षित प्रसव करवाने में सहयोग किया। अंचला शर्मा कहती हैं कि वह 35, बबीता देवी 20, उषा देवी 14, उषा कुमारी 16,शोभा देवी 10, सरोज देवी 15,मिन्ती देवी 40,मिंता कुमारी 15 और ज्ञांति देवी 2 गर्भवर्ती महिलाओं को लायी थीं। वहीं खड़ी अनीता देवी कहती हैं कि उन्हें वर्ष 2010,2011 और 2012 तक का पारिश्रमिक नहीं मिला है। उसने 24 महिलाओं को अस्पताल में लायी थीं। 

आशा बहन अंचला शर्मा को 8750 रू0,कबिता देवी को 7,500रू0,बबीता देवी को 5000 रू0, उषा देवी को 3500 रू0,उषा कुमारी को 4000रू0,शोभा देवी को 2500रू0,सरोज देवी को 3750 रू0, मिन्ती देवी को 10000 रू0, मिंता कुमारी को 3750 और ज्ञांति देवी को 500 रू0 मिलना चाहिए। अनीता देवी को 6000 रू0 मिलना चाहिए। इस तरह लेखापाल जयप्रकाश ठाकुर ने कुल 55250 रू0 डकार गये। यह केवल 11 आशा बहनों का आकड़ा है। शेष 239 का आकड़ा उपलब्ध नहीं है। उनके कुकृत्य पर पर्दा डालने का प्रयास जारी है। आशा बहनों को दिलासा दिया जाता है कि आपलोगों को 2012 का पारिश्रमिक मिलेगा। वह कब मिलेगा? निश्चित अवधि नहीं बताते हैं। 


आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 






No comments: