Thursday, 11 February 2016

बिहार में आदिवासी विकास की चुनौतियां पर सेमिनार


पटना। स्वतंत्रा सेनानी शहीद तिलका मांझी की जयंती मनायी। वृहस्पतिवार को इस मौके पर बिहार आदिवासी अधिकार फोरम से जुड़े लोगों ने शहीद तिलका मांझी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर स्थानीय एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में आदिवासी विकास की चुनौतियां पर गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी के मुख्य वक्ता सूबे के अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष निराला ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जनजाति की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

आगे मंत्री श्री निराला ने कि दूसरे राज्यों में पढ़ाई कर रहे एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को 15 दिनों के भीतर छात्रवृत्ति राशि भेज दी जायेगी,ऐसा नहीं होने पर संबंधित पदाधिकारियों को निलंबित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को शिक्षा में समस्या नहीं हो इसके लिए छात्रवृत्ति राशि का वितरण समय पर किया जायेगा।

आदिवासी समुदाय की मांगों पर कहा कि पंचायतों में दो फीसदी आरक्षण की मांग का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जायेगा। उन्होंने ये भी कहा कि एक फीसदी आरक्षण के अनुसार वर्तमान में मुखिया के 64 पद 84 पद निर्धारित है,जबकि 84 दा होने चाहिए। इन सभी असमानता को दूर किया जायेगा। एैसे जिले जहां,एसटी बच्चों के लिए आवासीय विघालय नहीं है उन जिलों में आवासीय विघालय खोले जायेंगे। उन्होंने बिहार भर से आये आदिवासी समुदाय के लोगों को शराबबंदी का समर्थन करने की अपील की। राज्य अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष सुकलाल बेसरा ने कहा कि आदिवासियों की समस्याओं को चिन्हित कर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाये। जनजाति मुद्दो के विशेषज्ञ प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों के तर्ज पर सरकार बिहार में भी आरक्षित रोस्टर को अविलंब लागू करें।

बिहार आदिवासी अधिकार फोरम के अध्यक्ष निशिकांत मंडल ने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद आरक्षण एक फीसदी कर दिया, जबकि जनसंख्या के अनुसार दो फीसदी होनी चाहिए। प्रमंडलीय स्तर पर चतुर्थवर्गीय कर्मियों की बहाली में आरक्षण को पुनः लागू कर आदिवासी समुदाय का विकास किया जाये। मौके पर उपाध्यक्ष राधाकृष्ण प्रसाद उर्फ झूलन गोंड सुपौल मुरमो आदि उपस्थित रहे।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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