प्रत्येक परिवार 150 रूपये दें कोष में- बिशप बिलियम |
फादर विलसन के नेतृत्व में समिति गठित
बिशप की पुण्य तिथि है 24 अप्रैल 1866
पटना। पटना धर्मप्रांत के प्रथम धर्माध्यक्ष बिशप अनास्थासियुस हार्टमन हैं। इनका निधन 24 अप्रैल 1866 में कुर्जी में हुआ। बिशप हार्टमन के नाम पर हार्टमन बालिका उच्च विघालय संचालित है। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बिलियम डिसूजा ने बिशप हार्टमन की पुण्य तिथि को यादगार बनाने का निश्चय किया है। पटना महाधर्माध्यक्ष के बच्चों के सर्वागीण विकास के नाम पर ‘बिशप हार्टमन स्पोन्सरशिप’ शैक्षणिक निधि कोष गठित किया है। प्रत्येक परिवारों से 150 रू0 चंदा देने का आग्रह किया गया है। इस तरह के प्राप्त चंदे को कोष में जमा किया जाएगा।
सर्वविदित है कि बिशप हार्टमन ओ0एफ0एम0 कैप से संबंधित हैं। फिलवक्त ओ0 एफ0 एम0 कैप के फादरगण पादरी की हवेली,पटना सिटी में रहते हैं। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बिलियम डिसूजा ने कैप के फादरों को पादरी की हवेली पल्ली को दे रखा है। इन्हीं के मजबूत कंधे पर पादरी की हवेली पल्ली निर्भर है। यहाँ पर इस समय पल्ली पुरोहित फादर विलसन हैं।
पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बिलियम डिसूजा ने फादर विलसन के नेतृत्व में एक समिति गठित की है। इस समिति ने इस पुण्य-तिथि को अध्यात्मिक ,भौतिक एवं सामाजिक रूप से मनाने की योजना बनायी है। 10 अप्रैल को पूरे पटना महाधर्मप्रांत में एक दिन का उपवास एवं प्रार्थना। 17 अप्रैल को पादरी की हवेली में तीर्थ धाम का उद्घाटन(जिस पावन भूमि पर बिशप हार्टमन रहे),जो एक सप्ताह तक चलेगा। 23 अप्रैल को शाम को कुर्जी पल्ली में भव्य यूखरिस्त समारोह और उनके जीवन पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम। 24 अप्रैल को सुबह पादरी की हवेली,पटना सिटी में मिस्सा बलिदान।
महाधर्मप्रांत के बच्चों के सर्वागीण विकास हेतु ‘बिशप हार्टमन स्पोन्सरशिप’ शैक्षिक निधि कोष तैयार किया है, जिसके अन्तर्गत जर्मनी के कुछ जनता मिलकर गुलनी और बसौनी पल्लियों के 85 बच्चों को सहायता प्रदान कर रही हैं। इस महान विभूति बिशप हार्टमन के 150 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर प्रत्येक परिवार से कम से कम 150 रू0 निधि कोष के लिए सहयोग राशि की कामना करता हूँ। आपका उदार हृदय सदा सराहनीय है। इस महान विभूमि ने बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षा को अपने मिशन कार्य में प्राथमिकता दी। उनके पुण्य तिथि के अवसर पर उनको श्रद्धांजलि स्वरूप आपकी उदारता श्रेष्ठतर होगी। अतः अधिक से अधिक उदार बने। प्रभु की आशीष आप सबों को भरपूर मिले।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
No comments:
Post a Comment