Monday 18 July 2016

सुधीर और गौरख पहली बार मैट्रिक उर्त्तीण हुए

100 साल से रहते हैं दीघा मुसहरी में लोग

यहां के नौजवान अंगुली पर गिन लेते हैं मैट्रिक उर्त्तीण करने वालों को

यहां के सुधीर और गौरख पहली बार मैट्रिक उर्त्तीण हुए

पटना। पटना नगर नूतन राजधानी अंचल के वार्ड नम्बर 1 में है दीघा मुसहरी। यहां के लोग 100 साल से रहते हैं। 165 घर है और जनसंख्या 1000 से अधिक है। इस समय झोपड़ी में रहने वाले मुसहर समुदाय की तकदीर चमकी है। 2 लाख 86 हजार 411रू0 से मकान बन रहा है। अब लोगों को लोटा लेकर मैदान में शौचक्रिया करने नहीं जाना पड़ेगा।निर्मित सभी लोगों के मकानों में शौचालय बन रहा है। अभी मकान अधूरा है। किसी को प्रथम तो किसी को द्वितीय चरण की राशि नहीं मिल रही है। 

लड़को को परास्त कर लड़कियों ने बाजी मारीः 100 साल से रहते हैं महादलित मुसहर समुदाय के लोग। यहां के नौजवान अंगुली पर ही गिन लेते हैं मैट्रिक उर्त्तीण करने वालों को। अभी तक केवल 9 महादलित के बच्चे मैट्रिक उर्त्तीण हुए हैं। उर्त्तीण 4 लड़कों को परास्तकर 5 लड़कियों ने मैट्रिक उर्त्तीण कर बाजी मार ली है। सबसे पहले स्वर्गीय केदार मांझी के पुत्र सुधीर कुमार और जामुन मांझी के पुत्र गौरख कुमार मैट्रिक उर्त्तीण हुए। लड़कियों में पास करने वाली हैं सीमा कुमारी,पूजा कुमारी,रीना कुमारी,आरती कुमारी और मनोरमा कुमारी। वहीं लड़कों में सुधीर कुमार,गौरख कुमार,गोविन्दा कुमार और मनोज कुमार। सुधीर कुमार विकास मित्र और मनोज कुमार इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत हैं। शेष मजदूरी करते हैं। फिलवक्त शिक्षा की रोटी नहीं खाते हैं। 

मैट्रिक उर्त्तीण बच्चों को उत्प्रेरक के रूप में जोड़ा जा सकता हैः उर्त्तीण सभी बच्चों को उत्प्रेरक के रूप में सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के अधिकारी जोड़ सकते हैं। अपने समुदाय को आगे बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। सरकार के द्वारा जरूर ही इनको उत्प्रेरक के रूप में जोड़ लेना चाहिए। सब के सब अच्छे उत्प्रेरक हो सकते हैं। अपने अनुभव से महादलित और उनके बच्चों को शराब बनाना छोड़ने पर उत्प्रेरित कर सकते हैं। 

जब पटना जिले के जिलाधिकारी राजबाला वर्मा थींः बिहार विभाजन 2000 के रूप राजबाला वर्मा बिहार में कार्यरत थीं। जब पटना जिले के जिलाधिकारी राजबाला वर्मा थीं, तब महिलाओं को संगठित कर महिला समूह बनायी थीं। जिलाधिकारी ने महिला समूह को गांवघर में उत्प्रेरक के रूप में बहाल की। इनके माध्यम से विकास कार्य होने लगा। जिलाधिकारी सीधे संपर्क में रहती थीं। अपना मोबाइल/टेलीफोन नम्बर दे रखी थीं। किसी तरह के अपराध होने पर फोन करने पर सुधि लेने लगी। उत्प्रेरकों के सहयोग से सामुदायिक भवन भी बना। सामुदायिक भवन निर्माण करने की राशि सरकार ने दे रखी थी। इस समय झारखंड की मुख्य सचिव हैं राजबाला वर्मा। इसमें दीघा मुसहरी की श्यामसखी देवी भी थी। विकास मित्र सुधीर कुमार की मां हैं उत्प्रेरक श्यामसखी देवी। इन दिनों श्यामसखी देवी बीमार चल रही है। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।  


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