Saturday 30 July 2016

‘लकड़ीसूंद्यवा’, ‘मुँहनोचवां’ और अब ‘मुँहसूंद्यवा’ भी


रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था कर दें सरकार

पटना। आपने बच्चों को चुराने वालों को लोगों के द्वारा ‘लकड़ीसूंद्यवाकहते सुना होगा?आपने जरूर ही अतिक्रमण करने वाले लोगों की झोपड़पट्टियों को तहसनहस करने वाले जेसीबी को देखा होगा। इसे लोग मुँहनोचवांभी कहते हैं। सीएम नीतीश कुमार 1 अप्रैल 2016 से शराबबंदी की घोषणा कर रखी है। महुआ दारू बनाने वालों पर आफत गयी है। महुआ दारू बनाने वाले महादलितों ने कुटीर उद्योगबनाकर रख दिया है। ऐसे लोगों का कहना है कि हमलोग लाचार हैं। रद्दी कागज चुनने जाते हैं तो वहां के लोग अपमानित करते हैं। वहीं पुलिस भी परेशान करने लगी है। पुलिस मुँहसूंद्यवाकी भूमिका में गयी है। मुँहसूंद्य कर गरीबों को फंसाकर जेल भेजने पर उतारू है। रात्रिपहर सोते समय भी पुलिस लोगों को उठाकर ले जाती है। इससे अच्छा है कि सरकार रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था कर दें। तब जाकर परिवार का लालन-पालन किया जा सकता है।

लोक सभा का चुनाव-2019
बिहार में जनहित में शराबबंदी लागू
पुलिस या उत्पाद विभाग को ये अनुमान करने का अधिकार होगा...
कि आपने शराबबंदी कानून तोड़ा है
शराब पीन,रखने,बेचने पर दस साल से लेकर...
आजीवन कारावास की सजा
दवा के रूप में भी स्पिरिट रखा...
तो दस साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा
भांग और गांजा के लिए भी...
शराब जैसी ही सजा मिलेगी
पुलिस,उत्पाद विभाग की टीम किसी घर को....
कभी भी बिना वारंट के सर्च कर सकेगी
किसी भी व्यक्ति का कभी भी मेडिकल टेस्ट कराया जा सकता है...
कि उसने शराब पी है या नहीं
घर सर्च करने से रोका या...
मेडिकल टेस्ट नहीं कराया तो अपराधी माने जायेंगे
शराब को लेकर पुलिस...
बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकेगी
पुलिस या उत्पाद विभाग के काम में बाधा उत्पन्न...
करने की कोशिश भी की तो 8 से 10 साल तक सजा

तब....... मईया मेरी मैं माखन नहीं खायो
अब....... मामा मोरा मैं शराब नहीं पियो
कल........बोतल में देती थी भौजी दारू
आज....... और कटोरा में शराब और भागना शुरू
अतीत में........महुआ दारू 40 रू0 में एक शीशी
वर्तमान में...... महुआ दारू 120 रू0 में एक शीशी
घर......300 रू0 कमाते 40 रू0 बर्बाद करते
बेघर.....300 रू0 कमाते 120 रू0 बर्बाद कर देते

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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