Saturday 8 October 2016

किसानों और आढ़तियों के समक्ष हाथ पसारना पड़ता है कार्य निपटारा करने के लिए

पटना। अत्यंत पिछड़ी जाति बिन्द समुदाय के लोग न्यू बिन्द टोली,कुर्जी में रहते हैं। हर तरह का कार्य निपटारा करने के लिए किसानों और आढ़तियों के समक्ष हाथ पसारना पड़ता है।



यहां पर अधिकांश खेतिहर भूमिहीन मजदूर रहते हैं। मालगुलजारी पर खेत लेकर खेती करते हैं। इस समय सोनपुर क्षेत्र में तीन हजार रू 0 बीघा, कुर्जी क्षेत्र में पांच हजार रू0 बीघा और दीघा क्षेत्र में आठ हजार रू 0 बीघा जमीन लेकर खेती करते हैं। दुर्भाग्य से मालगुलजारी पर खेत लेकर खेती करने वाले खेतिहर मजदूरों (किसानों) को मुजावजा नहीं मिलता है। जमीन के मालिक ही राशि हड़प जाते हैं। सरकारी प्रावधानों को हल्का कर्मचारी लागू करवाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। इसके कारण गरीबी रेखा से ऊपर उठ ही नहीं सकते हैं। सदैव किसानों से मोटी रकम व्याज पर लेकर खेती करते हैं। वहीं सब्जी मंडी लगाने वाले (आढ़त) से भी कर्ज लेते हैं। मगर फसल को उसी आढ़त के पास ही सब्जी बेचने को बाध्य होना पड़ता है।
 
ग्राम पंचायत राज नकटा दियारा में पड़ता है न्यू बिन्द टोली,कुर्जी। न्यू बिन्द टोली में दो वार्ड है। वार्ड संख्या-13 की वार्ड सदस्या कमलावती और वार्ड संख्या-14 की वार्ड सदस्या सविता देवी हैं। दोनों वार्ड में अधिकांश खेतिहर भूमिहीन रहते हैं। मालगुलजारी पर खेत लेकर खेती करते हैं। इस समय घर-घर में परवल की लता रोपने की तैयारी चल रहा है।

कोलकाता से खरीदकर परवल की लता लाते हैंः रामलगन महतो कहते हैं कि कोलकाता से खरीदकर परवल की लता लायी जाती है। दो-तीन हजार रू0 व्यय करके परवल की लता खरीदते हैं। लोग जमीन के अनुसार ही लता खरीदते हैं। लता को सजाकर बंधन बनाया जाता है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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